‘खोरिया’ में एक ‘बोरी’ सीमेंट में बनता ‘शौचालय’
-एक-एक बोरी सीमेंट में एक करोड़ 20 लाख का लगभग एक हजार षौचालय बन गया,
अधिकांष लाभार्थियों को पता ही नहीं कि उनके नाम पर षौचालय का पैसा निकल, एक-एक लाभार्थी के नाम चार से पांच का पैसा लिया गया, 95 फीसद मनरेगा मजदूरों को उनके खाते का पता ही नहीं, प्रधान के ससुर उमापति, पति अरविंद और देवर अजय मनरेगा मजदूर के रुप में मजदूरी ले रहें
-देष का यह पहला ऐसा ग्राम पंचायत होगा, जहां के प्रधान के आवास में बैंक, पोस्ट आफिस, कोटे की दुकान और प्रधानी एक साथ, खाताधारकों को बैंक में जो भी मोबाइल नंबर फीड हैं, उनमें अधिकांष प्रधानजी के परिवार के लोगों का
-बैंक का एटीएम खाताधारक नहीं बल्कि प्रधानजी के परिवार वाले उपयोग/दुरुपयोग कर रहे, खाताधारक जब खाता खुलाने बैंक जाता तो मैनेजर कहते हैं, कि तुम्हारा तो खाता सालों से चल रहा, ष्नया खाता खोलने पर जब मनरेगा मजदूर जोर देता तो मैनेजर उससे कहते हैं, कि नया खुलवाकर क्या करोगे, जो पुराना चल रहा है, उसी का इस्तेमाल करो,
-प्रधानजी का खास पिंटू लाल, जब भी मनरेगा की मजदूरी आती तो यह घर-घर बायोमैटिक मषीन लेकर पहुंच जाता, और सौ-दो पकड़ाकर हजारों के भुगतान पर अगूंठा लगवा लेता, प्रधानजी के एक और खास है, जिनका नाम यादवजी, यह दोनों प्रधानजी के सही और गलत कामों में बराबर के हिस्सेदार
-इस फर्जीवाड़े में बैंक के मैनेजर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका सामने आ रही, यह प्रधानजी के कालेकारनामों का सबसे बड़ा हमराज भी, अगर न होते तो खाताधारक बैंक जाए या न जाए उसका भुगतान कर देते, फर्जी खाता भी खोल देते
-इस ग्राम पंचायत को भाजपा के एक नेताजी की बपौती समझी जा रही, भले ही करोड़ों कमाकर इन्होंने अपने आका को नहीं जितवा पाए, 10 हजार की आबादी वाले इस गांव में जितना वोट मिलना चाहिए था, उतना इनके आका को नहीं, जिसके चलते वह हार गए, आका के नाम पर सालों मलाई काटा और जब जीताने की बारी आई तो नहीं जीता पाए
बस्ती। जब भी ग्राम पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार का नाम आएगा, तो उसमें बनकटी ब्लॉक के देष भर में चर्चित ग्राम पंचायत खोरिया का नाम अवष्य आएगा। इस ग्राम पंचायत के विकास के नाम पर में हर साल लगभग एक करोड़ खर्च होता है, यानि अगर देखा जाए तो एक कार्यकाल में पांच करोड़ खर्च हुआ, यानि एक सांसद और विधायक के निधि के बराबर इस ग्राम पंचायत में सरकारी धन व्यय हुआ, मनरेगा में इस ग्राम पंचायत में तो खर्च करने का विष्व रिकार्ड बनाया, फिर भी यह ग्राम पंचायत माडल नहीं बना। सवाल उठ रहा है, कि आखिर पांच करोड़ गया कहां, गांव वाले कहते हैं, कि अगर पूरे गांव को नोटों से पाट दिया जाए तो फिर पैसा बच जाएगा। लोगों का तो यहां तक कहना और मानना है, कि नाहक ही लोग विधायक बनने के लिए परेषान हैं, जो मचा और पैसा इस ग्राम पंचायत के प्रधानी में हैं, उतना पैसा और मजा विधायकी में नहीं। कहते हैं, कि जिस ग्राम पंचायत एक करोड़ 20 लाख के लगभग एक हजार व्यक्तिगत षौचलय एक बोरी सीमेंट में बन गया, वह ग्राम पंचायत तो प्रधान और सचिव के लिए स्वर्ग ही कहा जाएगा। कहते हैं, प्रधान के परिवार और सचिव को देष का सबसे धनी बनाने में पूर्व सांसद का बहुत बड़ा योगदान रहा। इन्हीं के नाम पर पांच साल से ग्राम पंचायत को लूटते आ रहे है। षिकायतें तो बहुत होती है, लेकिन राजनैतिक दखलंदाजी और पैसे के बल पर मामले को दबा दिया जाता रहा। यह पहला ऐसा ग्राम पंचायत हैं, जिसके कार्यो की जांच के लिए हाईपावर की कमेटी बनी, कमेटी ने आने की जानकारी भी गांव वालों को दी ताकि सब लोग एकत्रित हो सके, जिस दिन कमेटी आने वाली थी, पता चला कि वह रास्ते से वापस चली गई। इसे कहते हैं, मनी और पावर का खेल। इस ग्राम पंचायत को भाजपा के एक नेताजी की बपौती समझी जा रही, भले ही करोड़ों कमाकर इन्होंने अपने आका को नहीं जितवा पाए, 10 हजार की आबादी वाले इस गांव में जितना वोट मिलना चाहिए था, उतना इनके आका को नहीं मिला और जिसके चलते वह हार गए, आका के नाम पर सालों मलाई काटा और जब जीताने की बारी आई तो नहीं जीता पाए, वोट न मिलने का सबसे बड़ा कारण गांव वाले परिवार का भ्रष्टाचार में डूबना बता रहे हैं। इसी लिए कहा जा रहा है, कि पूर्व सांसद यूंही नहीं हारे, इन्हें तो खोरिया के उपाध्यायजी जैसे लोगों ने हराया। अगर अभी भी पूर्व सांसदजी की आंख नहीं खुली तो आगे उनका भगवान ही मालिक।
गांव वालों का कहना है, कि एक-एक बोरी सीमेंट में एक करोड़ 20 लाख का लगभग एक हजार षौचालय बन गया। अधिकांष लाभार्थियों को पता ही नहीं कि उनके नाम पर षौचालय का पैसा कब निकला, एक-एक लाभार्थी के नाम चार से पांच का षौचालय का पैसा लिया गया। जानकर हैरानी होगी कि 95 फीसद मनरेगा मजदूरों को उनके खाते का पता ही नहीं, नया खाता खोलने के लिए मजदूर जब बैंक जाता तो मैनेजर साहब कहते हैं, कि तुम्हारे नाम से तो सालों से खाता चल रहा, जब मनरेगा मजदूर जोर देता तो मैनेजर कहते हैं, कि नया खुलवाकर क्या करोगे, जो पुराना है, उसी का इस्तेमाल करो। प्रधान के ससुर उमापति, पति अरविंद और देवर अजय मनरेगा मजदूर के रुप में मजदूरी ले रहें है। देष का यह पहला ऐसा ग्राम पंचायत होगा, जहां के प्रधान के आवास में बैंक, पोस्ट आफिस, कोटे की दुकान और प्रधानी एक साथ, खाताधारकों को बैंक में जो भी मोबाइल नंबर फीड हैं, उनमें अधिकांष प्रधानजी के परिवार के लोगों का है। बैंक का एटीएम खाताधारक नहीं बल्कि प्रधानजी के परिवार वाले उपयोग/दुरुपयोग कर रहे। प्रधानजी का खास पिंटू लाल, जब भी मनरेगा की मजदूरी आती तो यह घर-घर बायोमैटिक मषीन लेकर पहुंच जाता, और सौ-दो पकड़ाकर हजारों के भुगतान पर अगूंठा लगवा लेता, प्रधानजी के एक और खास है, जिनका नाम यादवजी, यह दोनों प्रधानजी के सही और गलत कामों में बराबर के हिस्सेदार है। प्रधानजी का परिवार इन दोनों बिचौलियों पर हद से अधिक यकीन करते है। इस फर्जीवाड़े में बैंक के मैनेजर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका सामने आ रही, यह प्रधानजी के कालेकारनामों का सबसे बड़ा हमराज भी, अगर न होते तो खाताधारक बैंक जाए या न जाए उसका भुगतान कैसे हो जाता? फर्जी खाता खोलने से लेकर फर्जी भुगतान करने के मामले में बैंक मैनेजर की भूमिका संदिग्ध रही है। जांच तो बैंक मैनेजर की भी होने की बात गांव वाले कह रहे है।
‘मैडम’, यह ‘सीएमओ’ तो ‘पूर्व सीएमओ’ भी बड़ा ‘लुटेरा’!
-‘सीएमओ’ के वसूली ‘गैंग’ में ‘डा. बृजेष षुक्ल’ की हुई ‘इंटी’ अभी तक सीएमओ की गैंग में दोनों नोडल डा. एसबी सिंह और डा. एके चौधरी षामिल रहें, लेकिन कमाई कम होने पर आरसीएच एवं सीएमएसडी स्टोर के प्रभारी एवं हर्रैया सीएचसी के एमओआईसी डा. बृजेष षुक्ल को भी सीएमओ ने षामिल कर लिया
-सीएमओ साहब इनपर इतना मेहरबान है, कि इन्होंने इनके लिए अपर/उप मुख्यचिकित्साधिकारी बना दिया, इतना ही स्थानीय होने के बावजूद नियम विरुद्ध जिला स्तरीय अधिकारी का प्रभार दे दिया
-षिकायतकर्त्ता उमेष गोस्वामी ने डीएम से कहा कि मैडम यह सीएमओ तो पूर्व सीएमओ से भी बड़ा लूटेरा, पूर्व सीएमओ ने तो प्राइवेट गैंग बनाया था, लेकिन वर्तमान सीएमओ ने तो अपनी गैंग में सरकारी डाक्टर्स को षामिल कर लिया
-हर्रैया सीएचसी के मरीजों को अगर एमओआईसी डा. बृजेष षुक्ल से इलाज कराना यह फिर इन्हें दिखाना है, तो अस्पताल नहीं बल्कि सीएमओ कार्यालय आना पड़ेगा, यह सीएमओ के पास बैठे हुए हमेषा मिल जाएगें
बस्ती। अगर कोई षिकायतकर्त्ता डीएम के पास जाए और यह कहे कि मैडम, वर्तमान सीएमओ तो पूर्व सीएमओ से भी बड़ा लुटेरा हैं, और यह भी कहे, कि इन्होंने अपने लूटपाट वाले गैंग में इन्होंने नोडल डा. एसबी सिंह और नोडल डा. एके चौधरी के बाद आरसीएच एवं सीएमएसडी स्टोर के प्रभारी एवं हर्रैया सीएचसी के एमओआईसी डा. बृजेष षुक्ल को भी सीएमओ ने षामिल कर लिया, ताकि लूटपाट अधिक हो सके, तो एक नवागत डीएम के मन में सीएमओ के प्रति कैसी छवि बनेगी, इसे आसानी से सोचा और समझा जा सकता है। सुनने में अजीब लग रहा होगा, लेकिन यही सच्चाई हैं, और इसके लिए जनता सबसे अधिक दोनों नोडल के भ्रष्ट आचरण को जिम्मेदार मान रही है। भले ही चाहें, दोनों नोडल पर कोई प्रभाव पड़े या न पड़े यह अलग बात हैं, लेकिन इसका प्रभाव दोनों नोडल के परिवारों पर अवष्य पड़ता है। पहले के अधिकारी यह चाहते थे, कि समाज में उनका मान-सम्मान हो, कोई उन्हें चोर न कहने पाए, लेकिन आज के अधिकारी को इस बात से कोई मतलब नहीं कि कोई उन्हें चोर और लूटरा कह रहा है, या फिर डकैत कह रहा, कोई फर्क नहीं पड़ता, ऐसे लोगों को गांधीजी मिलता रहे, भले ही गालियां ही क्यों न मिले? इन्हीं अधिकारियों में सीएमओ और दोनों नोडल हैं, इन्होंने पैसे के लिए वह कार्य किया, जिसे करने के लिए एक अधिकारी हजार बार सोचेगा। इन लोगों ने पैसे के लिए समाज, मरीज और सरकार को धोखा दिया। इसी लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर हथौड़ा मारने वाले उमेष गोस्वामी ने डीएम से कहा कि पर्तमान सीएमओ तो पूर्व सीएमओ से भी बड़ा लूटेरा है। यह षब्द किसी भी ईमानदार अधिकारी के लिए मरने जैसा होता है। लेकिन सीएमओ कार्यालय में कोई मरता नहीं बल्कि दूसरों को मारता है। नई व्यवस्था के तहत ‘सीएमओ’ के वसूली ‘गैंग’ में ‘डा. बृजेष षुक्ल’ की हुई ‘इंटी’ अभी तक सीएमओ की गैंग में दोनों नोडल डा. एसबी सिंह और डा. एके चौधरी षामिल रहें, लेकिन कमाई कम होने पर आरसीएच एवं सीएमएसडी स्टोर के प्रभारी एवं हर्रैया सीएचसी के एमओआईसी डा. बृजेष षुक्ल को भी सीएमओ ने षामिल कर लिया। सीएमओ साहब इनपर इतना मेहरबान है, कि इन्होंने इनके लिए अपर/उप मुख्यचिकित्साधिकारी का नया पद सृजित कर दिया। इतना ही नहीं स्थानीय होने के बावजूद नियम विरुद्ध जिला स्तरीय अधिकारी का प्रभार भी दे दिया। षिकायतकर्त्ता उमेष गोस्वामी ने डीएम से कहा कि मैडम पूर्व सीएमओ ने तो प्राइवेट गैंग बनाया था, लेकिन वर्तमान सीएमओ ने तो अपनी गैंग में सरकारी डाक्टर्स को षामिल कर लिया। हर्रैया सीएचसी के मरीजों को अगर एमओआईसी डा. बृजेष षुक्ल से इलाज कराना यह फिर इन्हें दिखाना है, तो अस्पताल नहीं बल्कि सीएमओ कार्यालय आना पड़ेगा, यह सीएमओ के पास बैठे हुए हमेषा मिल जाएगें। सवाल, उठ रहा है, कि क्यों सीएमओ ने सारे नियम कानून तोड़कर इन्हें स्थानीय निवासी होने के बावजूद जिला स्तरीय अधिकारी का प्रभार दे दिया, अपर/उप मुख्यचिकित्साधिकारी का जो पद दिया गया, वह पद गाइड लाइन में कहीं भी नहीं है। षपथ-पत्र के साथ कहा कि सीएमओ ने गैरकानूनी तरीके से डा. बृजेष षुक्ल को आरसीएच एवं सीएमएसडी स्टोर का चार्ज किस लालच में दिया गया, इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। कहा कि जब से निगम साहब जिले में आए हैं, तब से इन्हओंने सिविल टेंडर एवं प्रिंटिगं टेंडर में कितना धन निकाला इसकी भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। कहा कि पहले मुझे लगा कि सीएमओ साहब हल्का फुल्का खाते हैं, लेकिन जब यह पता चला कि इन्होंने नियम विरुद्ध डा. बृजेष षुक्ल को प्रभार दे दिया तो पता चला कि यह तो बहुत बड़ा खाउं है। कहा कि इसके लिए सीएमओ और डा. बृजेष षुक्ल में कोई डील किया। कहा कि इन्हें इन्हें इनके पद से हटाया जाए, क्यों कि यह दिन भर सीएमओ के पास बैठे रहते हैं, मरीज देखने हर्रैया सीएचसी नहीं जाते।
‘मैडम’ देखिए, ‘खाद’ के ‘नाम’ पर ‘पचानू’ समिति में ‘सचिव’ कर रहें ‘लूट’
-सल्टौआ के पचानू समिति में भ्रष्टाचार चरम पर, किसान परेशान, सचिव मनमानी पर उतारू
-खाद के नाम पर खुलेआम लूट हो रही 265 का खाद 280-290 में सचिव बेच रहें
बस्त। कुछ दिन पहले पूर्व सांसद हरीष द्विवेदी ने डीएम को पत्र लिखा था, जिसमें किसानों को निर्धारित दर पर खाद उपलब्ध कराने की मांग की थी। उसके बावजूद भी अधिकांष समितियों और रिटेलर्स के यहां खाद उपलब्ध नहीं हैं, जहां पर उपलब्ध भी है, वहां पर जबरिया अधिक मूल्य लिया जा रहा है।
इसी लिए पूर्व सांसद के बाद किसानों ने कहा था, कि सांसदजी हम लोगों को चिठठीपत्र नहीं बल्कि खाद चाहिए, वह भी निर्धारित दर पर। किसानों की समस्या जानने के लिए कोई नेता किसानों के बीच नहीं जा रहा है, कोई यह देखने नहीं जा रहा है, कि किसान लाइन में कितने देर से लगा हुआ है, और उसे खाद मिला की नहीं, सभी नेता डीएम को पत्र लिखकर चुप हो रहे हैं, कोई यह नहीं पूछने जाता कि मैडम, क्यों नहीं खाद मिल रहा है, और जो मिल रहा है, वह क्यों उंचे दामों पर मिल रहा। अगर कोई नेता प्रभारी मंत्री के सामने खाद की कमी की समस्या उठाता भी है, तो विधायकजी यह कहकर बचाव करने लगते हैं, कि किसानों ने खाद डंप कर लिया। कहा भी जाता है, कि जो माननीय कालाबाजारियों का बचाव करेगें, उनसे किसान चुनाव में निपट लेगी। बार-बार किसान चिल्ला रहा है, कि तब तक जिले में जिला कृषि अधिकारी और एआर रहेगें, तब तक किसानों को खाद के लिए आंसू बहाना पड़ेगा। जिस तरह नेतागण पत्र लिखकर औपचारिकता पूरा कर रहे हैं, उन्हें किसान देख रहा है। अभी तक प़ा और विपक्ष का कोई भी नेता खाद के लिए सड़क पर नहीं उतरा।
विकासखंड सल्टौआ के पचानू समिति पर किसानों का शोषण लगातार बढ़ता जा रहा है। समिति के सचिव की मनमानी इस कदर हावी है कि किसानों को बार-बार चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि सचिव कभी कह देते है आपका नाम इस समिति में नहीं है, दूसरी समिति पर जाइए”, जबकि बड़े और जान-पहचान वाले को किसी भी ग्राम पंचायत का होने पर तुरंत दे दिया जा रहा है। कई किसानों ने यह भी खुलासा किया कि 265 रुपये का खाद 280 और 290 रुपये में खुलेआम बेची जा रही है, जिससे स्पष्ट है कि समिति में लूट का खेल बेरोक-टोक चल रहा है। किसानों के मुताबिक, यह सब किसी मजबूत संरक्षण में ही फल-फूल रहा है, वरना इतनी बड़ी धांधली संभव ही नहीं। अब बड़ा सवाल यह है कि पचानू समिति में चल रही, इस खुले भ्रष्टाचार पर सक्षम अधिकारी कब एक्शन लेंगे? किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है और क्षेत्र में चर्चा का विषय यही है कि आखिर किसकी छत्रछाया में यह मनमानी जारी है। स्थानीय किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की है कि पचानू समिति पर तत्काल जांच बैठाई जाए और जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि किसानों के साथ हो रहे अत्याचार पर रोक लग सके।
बड़ी संख्या में अन्य दलों को छोड़ बसपा में हुए शामिल
बस्ती। बसपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और बूथ अध्यक्ष मिलकर मतदाता सूची में लोगों का नाम जुड़वाना सुनिश्चित करें, कोई पात्र मतदाता एसआईआर प्रकिया में छूटने न पाये। बसपा बहन सुश्री मायावती के दिशा निर्देश में 2027 में मजबूत सरकार बनायेगी। यह विचार बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने शनिवार को बस्ती सदर विधानसभा क्षेत्र के पालिटेक्निक चौराहे के निकट स्वर्गीय रामचन्द्र चौधरी इण्टर कालेज मरवटिया के परिसर में आयोजित जनपद स्तरीय कार्यकर्ता समीक्षा बैठक को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। समीक्षा बैठक के दौरान बड़ी संख्या में अनेक राजनीतिक दलों को छोड़ बसपा की सदस्यता ग्रहण किया।
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने समीक्षा बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा की सरकार से ऊब चुकी है। वह बदलाव का मन बना चुकी है क्योंकि बसपा की सरकार में जाति, धर्म से ऊपर उठकर सर्व समाज का विकास हुआ और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचा। उन्होने पार्टी पदाधिकारियों का आवाहन करते हुये कहा कि जिस प्रकार से मान्यवर कांशीराम के निर्वाण दिवस पर 9 अक्टूबर को लाखों की संख्या में लोग लखनऊ पहुंचे उसी तरह से 6 दिसम्बर को बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ पहुंचकर अपनी ताकत का अहसास कराये।
समीक्षा बैठक की अध्यक्षता मुख्य मण्डल प्रभारी इन्दलराम ने किया। विशिष्ट अतिथि मुख्य मण्डल प्रभारी, धर्मदेव प्रियदर्शी, सीताराम शास्त्री, राम सूरत चौधरी, वीरेन्द्र चौहान, अब्दुल जब्बार, राम सुरेश चौहान, यशवन्त निगम, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी लवकुश पटेल ने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुये संगठन की मजबूती पर जोर दिया। बसपा जिलाध्यक्ष अनिल कुमार गौतम ने बताया कि बूथ स्तर पर एसआईआर प्रक्रिया को पूरा कराने में पार्टी कार्यकर्ता पूरी ताकत से जुटे हुये हैं।
कार्यक्रम में अभय पटेल सिल्लो, राम सहाय चौधरी, शहाबुद्दीन, राम मिलन, अमन गौतम, अभिनेश चौधरी, सुभाष चन्द्र वर्मा, रघुराज वर्मा, इन्द्रजीत तिवारी, धर्मेन्द्र कुमार शुक्ल, राधेश्याम श्ुाुक्ल, करिया गुप्ता, शिवाजी पाण्डेय, शीतल चौधरी, अंकुर चौधरी, प्रमोद चौधरी, बब्बू चौधरी, शबरे आलम, जुनेद अहमद, साबिर अली, इरशाद अहमद के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने बसपा की सदस्यता ग्रहण किया। समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से कल्पनाथ बाबू, राम सूरत चौधरी, जब्बार अली, के.सी. मौर्य, कृपाशंकर गौतम, संजय धूसिया, राम सागर, महेन्द्र कुमार, राम नेवास गौतम, आशुतोष सिंह, जुगुल किशोर चौधरी, दीपक कुमार, विष्णु आनन्द, अलीम अहमद, अरविन्द कुमार, जे.पी. गौतम, महेन्द्र कुमार, प्रमोद कुमार, रंजीत कुमार गौतम, अतर सिंह गौतम, रामकरन गौतम, अनुराग गौतम, प्रिन्स कुमार निगम, रामचन्द्र, अखिलेश कुमार, राम सरोज, रामचेत निराला, के.पी. राठौर, एडवोकेट अनूप कुमार, अनिल आजाद, आदित्य राना, राजेश कुमार राव, भूपेन्द्र कुमार, देशराज गौतम, राजीव कुमार राव, सलमान, प्रदीप कुमार गौतम, रामफेर गौतम, नवी सरवर, प्रभाकर पाल, दिलीप बौद्ध, शिवम आजाद, ब्रजेश राव, शिवकुमार, राजकुमार के साथ ही अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।
डीएम ने किया एसआईआर रिपोर्ट की समीक्षा
बस्ती। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना एवं अपर जिलाधिकारी (प्रशासन)/उप जिला निर्वाचन अधिकारी प्रतिपाल सिंह चौहान ने शनिवार को रुधौली विधानसभा के अन्तर्गत एसआईआर से संबंधित प्रगति रिपोर्ट का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने निर्वाचन अधिकारी/उपजिलाधिकारी भानपुर हिमांशु कुमार तथा खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार को निर्देष दिया कि गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेषन कार्य को सतर्कता, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ पूर्ण करायें।
जिलाधिकारी ने उपस्थित कर्मचारियों से उनकी प्रगति रिपोर्ट जानकारी लिया और बेहतर कार्य करने के लिए उनका उत्साहवर्धन किया। खंड शिक्षा कार्यालय के निरीक्षण के दौरान उन्होने एसआईआर से संबंधित प्रगति का अवलोकन किया तथा बिंदुवार जानकारी प्राप्त कर प्रचालित कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान निर्वाचन क्षेत्र के सभी ठस्व् भी मौजूद रहे।


