बारुद’ की ‘गोद’ में ‘बैठा’ तुरकौलिया ‘मोहल्ला’


बारुद’ की ‘गोद’ में ‘बैठा’ तुरकौलिया ‘मोहल्ला’

-भाजपा नेता राजेंद्रनाथ तिवारी ने पत्र लिखकर सीएम, डीजीपी और एसपी को चेताया कि अगर इसे नहीं रोका गया तो कभी भी तुरकौलिया मोहल्ले में धमाका हो सकता

-भाजपा नेता ने यह पत्र मोहल्ले के पीड़ित विषेष वर्ग की ओर से की गई षिकायत और उपलब्ध कराए गए फोटो ग्राफ और वीडियो के आधार पर की गइ

-सुझाव दिया गया कि उपरोक्त स्थल पर तत्काल पुलिस गश्ती, निगरानी एवं वीडियो सर्विलांस की व्यवस्था की जाए, उक्त पिकअप वाहन की जांच, सत्यापन, तथा उसके संचालन संबंधी सभी दस्तावेजों की जाँच की जाए

-क्षेत्र में कथित रूप से उपस्थित असामाजिक तत्वों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए, विद्यालय आने-जाने वाली बालिकाओं की सुरक्षा हेतु विशेष सुरक्षा प्रबंध पिंक पेट्रोल तैनात की जाए, यह विषय जन-शांति व महिलाओं की सुरक्षा से सीधा जुड़ा हुआ है, इसलिए तत्काल प्रभाव से आवश्यक कार्रवाई करना अत्यंत आवश्यक

बस्ती। जिस तरह तुरकौलिया मोहल्ले में प्रतिदिन सुबह तीन से पांच बजे के बीच कथित अवैध गतिविधियां हो रही है,



उससे स्थानीय बालिकाओं/महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मड़रा रहा है। एक तरह से आसामाजिक तत्वों के द्वारा मोहल्ले का सौहार्द खराब करने की साजिष की जा रही है। रोज सुबह एक गाड़ी मोहल्ले में आती है, और उसमें से प्रतिबधित कथित मांस उतरता हैं, और उसे बेचा जाता है, यह कथित अवैध गतिविधियां प्रतिदिन सुबह तीन से पांच बजे के बीच होने की जानकारी मोहल्ले के लोगों के द्वारा दी गई, और इसे रोकने की मदद भाजपा नेता राजेंद्रनाथ तिवारी से की गई। मोहल्ले वालों का कहना है, कि कथित अवैध गतिविधियों से स्थानीय बालिकाओं/महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया, और इसपर समय रहते काबू नहीं पाया गया तो किसी दिन गंभीर घटना घटित हो सकती है, और तुरकौलिया मोहल्ले में धमाका हो सकता है। इसी संवेदनषीलता को देखते हुए भाजपा नेता राजेंद्रनाथ तिवारी ने सीएम, डीजीपी और एसपी को पत्र लिखकर चेताया कि अगर इसे नहीं रोका गया तो कभी भी तुरकौलिया मोहल्ले में धमाका हो सकता है। कहा कि एक तरह से आसामाजिक तत्वों के द्वारा मोहल्ले का सौहार्द खराब करने की साजिष की जा रही है। भाजपा नेता ने यह पत्र मोहल्ले के पीड़ित विषेष वर्ग की ओर से की गई षिकायत और उपलब्ध कराए गए फोटो ग्राफ और वीडियो के आधार पर की है।

रामप्रसाद गली से होकर रगड़गंज, नीम के पेड़ और हाफिया स्कूल जाने वाले मार्ग पर प्रतिदिन 3रू00 बजे से 5रू00 बजे के बीच एक पिकअप वाहन (जो स्थानीय लोगों के अनुसार इमरान नामक व्यक्ति से संबद्ध बताया जाता है) रोड पर खड़ी रहती है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस वाहन में कथित रूप से प्रतिबंधित मांस अवैध सामग्री लाए जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। मोहल्ले के नागरिकों, विशेषकर अभिभावकों का कहना है कि सड़क पर वाहन खड़ा होने से मार्ग अवरुद्ध होता है तथा कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा क्षेत्र की छात्राओं/लड़कियों के साथ छेड़छाड़ एवं अभद्र टिप्पणी जैसी घटनाएँ घटित हो रही हैं। स्थानीय पुलिस को इस विषय में पूर्व में मौखिक जानकारी दिए जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने से नागरिकों में गंभीर रोष, भय और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है। कहा गया कि यह स्थिति केवल कानून-व्यवस्था का उल्लंघन ही नहीं, बल्कि किसी भी समय किसी अप्रिय घटना को जन्म देने वाली गंभीर परिस्थितियाँ उत्पन्न कर सकती है।

इस प्रकार की गतिविधियाँ सामाजिक सौहार्द, महिलाओं की सुरक्षा, तथा जन-शांति तीनों के लिए अत्यंत हानिकारक है। इसे देखते हुए भाजपा नेता ने सुझाव देते हुए लिखा कि उपरोक्त स्थल पर तत्काल पुलिस गश्ती, निगरानी एवं वीडियो सर्विलांस की व्यवस्था की जाए।

उक्त पिकअप वाहन की जांच, सत्यापन, तथा उसके संचालन संबंधी सभी दस्तावेजों की जाँच की जाए। क्षेत्र में कथित रूप से उपस्थित असामाजिक तत्वों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए। विद्यालय आने-जाने वाली बालिकाओं की सुरक्षा हेतु विशेष सुरक्षा प्रबंध पिंक पेट्रोल तैनात की जाए। स्थानीय पुलिस द्वारा अब तक क्या कार्रवाई की गई और आगे क्या कार्ययोजना है, इसका लिखित प्रतिवेदन प्रदान करने का कष्ट करें। लिखा कि यह विषय जन-शांति व महिलाओं की सुरक्षा से सीधा जुड़ा हुआ है, इसलिए तत्काल प्रभाव से आवश्यक कार्रवाई करना अत्यंत आवश्यक है।


‘फिर’ दहाड़े ‘हरीश सिंह’, ‘सीवीओ’ की कर दी ‘बोलती’ ‘बंद’!

-जैसे ही हरीष सिंह ने जिले के प्रभारी मंत्री के सामने कहा कि घोड़ा अस्पताल में लगभग 35 लाख का कंटेनर गायब हो गया, और अभी तक सीवीओ ने एफआईआर तक नहीं दर्ज कराया, सीडीओ ने जांच कमेटी बनाई उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, कहा कि सीवीओ की मिली भगत से कंटेनर गायब नहीं बल्कि उसे बेचा गया

-नाराज प्रभारी मंत्री आषीष पटेल ने सीवीओ को खड़ा तो उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज हो गया, इस पर एसपी ने कहा कि नहीं दर्ज हुआ, इस पर मंत्री ने कहा कि बैठक में झूठ बोलते हो, कहा कि जाओ और एफआईआर दर्ज कराओ, नहीं तो तुम्हारे खिलाफ षासन को लिख दूंगा

-फिर हरीष सिंह ने खाद को लेकर सवाल किया और कहा कि खरीफ में 54 फीसद यूरिया किसानों को न देकर यूरिया पंप को ब्लैक कर दिया, इसकी जांच रिपोर्ट भी लैब से आई और उसमें नीमकोटीम की मात्रा पाई ही नहीं, तो फिर क्यों नहीं कार्रवाई हुई

-इस पर विधायक अजय सिंह ने खाद की कालाबाजारी करने वालों का बचाव करते हुए कहा कि किसानों ने खाद को डंप कर लिया, अब विधायकजी को कौन बताने जाए कि किसानों के पास इतना पैसा कहां कि वह खाद को डंप कर सके, यह वही विधायक है, जिन्होंने खाद न मिलने पर सार्वजनिक रुप से किसानों से माफी मांगा था

-बल्कि विधायकजी ने अवष्य जिला पंचायत को लपेटा और कहा कि जब खराब सड़के बन न जाए कोई दूसरी सड़क न बनाया जाए, इस पर मंत्रीजी ने भी हामी भरी, बैठक में एक भी असली और नकली प्रमुखों का न होना चर्चा का विषय रहा

बस्ती। कहा भी जाता है, कि जैसा नेता होता है, वैसा उसका प्रतिनिधि भी होता है, इसे साकार कर रहे हैं, एमएलसी देवेंद्रप्रताप सिंह के प्रतिनिधि हरीष सिंह। नेताजी भी मुख्यमंत्री की कमियों पर चोट करने से नहीं चूकते और प्रतिनिधि भी नहीं चूंक रहे है। अगर नेताजी को सरकार के खिलाफ बोलने के कारण इन्हें प्रदेष का इकलौता माननीय कहा जाता है, तो इनके प्रतिनिधि को भी षासन-प्रषासन के खिलाफ आवाज बुंलद करने वाला जिले का पहला प्रतिनिधि कहा जाता है। बैठक चाहें दिषा की हो या फिर प्रभारी मंत्री या फिर बीएलबीसी की ही क्यों न हो? हरीष सिंह ही छाए रहते हैं। कहा भी जाता है, कि बैठकों में चायसमोसा खाने जाने वाले नेता अगर जनहित और भ्रष्टाचार को लेकर सवाल नहीं उठाएगें तो उठाएगा कौन? जिले के लोगों का यह दुभार्ग्य रहा है, कि उसके हिस्से में अधिकाषं ऐसे नेता आए जिन्हें ठीक से बोलना और पत्र लिखना तक नहीं आता। सवाल उठाना और पूछना तो दूर की बात है। कहा भी जाता है, कि अगर हरीष सिंह को छोड़ दिया जाए तो ऐसा कोई भी नेता नहीं जो दमदारी से बैठकों में प्रभारी मंत्री और अधिकारियों को लाजबाव कर सके। हालत यह हो गई हैं, कि अधिकारी भी नहीं चाहते कि बैठक में हरीष सिंह भाग लें। बैठक में आने से पहले इनका होम वर्क ही इन्हें सभी से अलग बनाता है। ऐसा लगता है, मानो अन्य को जनहित से कोई मतलब ही नहीं। जो नेता भ्रष्टाचारियों का बचाव करते नजर आते हैं, जनता उन्हें नेता नहीं बल्कि भ्रष्टाचारियों का साथ देने वाला मानती है।

जिले के प्रभारी मंत्री की बैठक में जैसे ही हरीष सिंह ने जिले के प्रभारी मंत्री के सामने यह कहा कि दक्षिण दरवाजा स्थित घोड़ा अस्पताल में लगभग 35 लाख का कंटेनर गायब हो गया, और अभी तक सीवीओ ने एफआईआर तक नहीं दर्ज कराया, सीडीओ ने जांच कमेटी बनाई उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, कहा कि सीवीओ की मिली भगत से कंटेनर गायब नहीं बल्कि उसे बेचा गया, और अब जब फंस रहे हैं, तो चपरासी और बाबू को बलि का बकरा बनाने पर तुले हुएं है। नाराज प्रभारी मंत्री आषीष पटेल ने सीवीओ को खड़ा किया तो उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज हो गया, इस पर एसपी ने कहा कि नहीं दर्ज हुआ, इस पर मंत्री ने कहा कि बैठक में झूठ बोलते हो, कहा कि जाओ और एफआईआर दर्ज कराओ, नहीं तो तुम्हारे खिलाफ षासन को लिख दूंगा। हरीष सिंह यहीं पर नहीं रुके और खाद को लेकर सवाल किया और कहा कि खरीफ में 54 फीसद यूरिया किसानों को यूरिया न देकर न यूरिया पंप को ब्लैक कर दिया गया, इसकी जांच रिपोर्ट भी लैब से आई और उसमें नीमकोटीम की मात्रा पाई ही नहीं, तो फिर क्यों नहीं कार्रवाई हुई? कोई जबाव देने को तैयार नहीं, अलबत्ता विधायक अजय सिंह ने खाद की कालाबाजारी करने वालों का बचाव करते हुए कहा कि किसानों ने खाद को डंप कर लिया, अब विधायकजी को कौन बताने जाए कि किसानों के पास इतना पैसा कहां कि वह खाद को डंप कर सके, यह वही विधायक है, जिन्होंने खाद न मिलने पर सार्वजनिक रुप से किसानों से माफी मांगा था, कल तक तो इन्हें लग रहा था, कि किसानों को खाद नहीं मिला, मगर आज अचानक इन्हें यह लग गया कि खाद की किल्लत के लिए जिला कृषि अधिकारी और एआर नहीं बल्कि किसान ही जिम्मेदार है। विधायकजी ने काफी दिनों बाद जिला पंचायत को लेकर कुछ बोला और बगल में बैठे जिला पंचायत अध्यक्ष को लपेटते हुए कहा कि जब तक जिला पंचायत सहित अन्य की खराब सड़के नहीं बन जाती, तब तक कोई दूसरी सड़क न बनाई जाए, इस पर मंत्रीजी ने भी हामी भरी, बैठक में एक भी असली और नकली प्रमुखों का न होना चर्चा का विषय रहा। डीएम ने यह कहते हुए पीछा छुटा लिया कि अभी वह जिले में नई-नई आई हैं, लेकिन उनका प्रयास होगा कि जिले का गुणवत्तापरक विकास हो।


‘शपथ-पत्र’ देने के बाद भी ‘रफीउदीन’ से ‘शपथ-पत्र’ मांग ‘रहें’!

-हर कोई मेडीवर्ल्ड हास्पिटल के संचालक डा. प्रमोद चौधरी के क्रियाकलापों पर पर्दा डालते हुए उन्हें बचाने का प्रयास कर रहा, कोई यह नहीं बता रहा है, कि बिना षिकायत का निस्तारण किए कैसे मेडीवर्ल्ड हास्पिटल का पंजीकरण कर दिया

-अभी तक को सीएमओ, नोडल डा. एसबी सिंह और पुलिस पर ही बचाने का आरोप लग रहा था, लेकिन अब तो एडी हेल्थ का भी नाम बचाने वालों में षामिल हो गया

-अब जरा अंदाजा लगाया कि जिस षपथ-पत्र पर कमिष्नर ने एडी हेल्थ को जांच कमेटी बनाने को कहा, वही एडी हेल्थ फिर से षिकायतकर्त्ता से नियमों का हवाला देते हुए षपथ-पत्र मांग रहें

बस्ती। एडी हेल्थ के षपथ-पत्र मांगने पर रफीउदीन ने लिखा कि वह कमिष्नर, डीएम, सीएमओ, एसपी को षपथ-पत्र के साथ षिकायत कर चुका है, तो अब किस लिए षपथ-पत्र मांगा जा रहा है। स्पष्ट लिखा कि सीएमओ और नोडल डा. एसबी सिंह राजनैतिक दबाव और पैसे के चलते जांच नहीं कर रहे है। जबकि मैं बार-बार षपथ-पत्र के साथ लिखकर सभी अधिकारियों को दे रहा हूं कि डा. प्रमोद चौधरी ने उन्हें धोखा दिया और उनकी डिग्री को फर्जी तरीके से इस्तेमाल करते हुए हास्पिटल का पंजीकरण करवा लिया। उसके बाद भी कोई उनकी बात नहीं सुन रहा हैं, और उसके षिकायतों का निस्तारण किए बिना पुनः मेडीवर्ल्ड हास्पिटल का पंजीकरण नियम विरुद्व कर दिया। किसी की डिग्री का उपयोग/दुरुपयोग बिना अनुमति के करना गेैर कानूनी और असंवैधानिक है।


इससे मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है। लिखा िकइस हास्पिटल का पंजीकरण पूरी तरह से निरस्त होना चाहिए, और डा. प्रमोद चौधरी के खिलाफ मुकदमा कायम करवाना चाहिए। जिस तरह सीएमओ विधिक कार्रवाई करने के मामले में पल्टी मारी है, उससे पता चलता है, कि सभी लोग डा. प्रमोद चौधरी को बचाने में लगे हुएं है। एडी हेल्थ को लिख पत्र में कहा है, कि मेडीवर्ल्ड, सीएमओ और नोडल के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए। डा. प्रमोद चौधरी के खिलाफ तो विधिक कार्रवाई होनी चाहिए, क्यों कि उन्होंने फ्राड किया है, और उनका फ्राड साबित भी हो चुका है, उसके बाद भी कार्रवाई न होना और पुनः पंजीकरण होना यह बताता है, कि इसके पीछे भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों की टीम लगी हुई है। इन सभी लोगों ने मिल न्याय का एक तरह से गला घोंट दिया, और वह भी पैसे के लिए। ऐसे लोगों की जितनी भी निंदा की जाए कम होगा।


जिला ‘सेवायोजन’ अधिकारी की ‘मेहनत’ हुई ‘सफल’

बस्ती। क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय बस्ती एवं राजकीय कन्या उ.मा. विद्यालय खखुवा बस्ती मे संयुक्त तत्वावधान द्वारा पंख पोर्टल करियर गाइडेंस एवं रोजगार मेला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य विद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं अन्य आए हुए प्रतिभागी अभ्यर्थियों का कैरियर गाइडेंस देना एवं उनके रुचि के अनुसार शैक्षिक उन्नति प्रदान किया जाना था। साथ ही रोजगार परक जानकारी के साथ ही क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय द्वारा आमंत्रित निजी कंपनियो ने इंटर पास अभ्यर्थियों को कमाई के साथ मेट्रोनिक्स में डिप्लोमा कोर्सेज कराए जाने आई हुई थी।

मुख्य अतिथि अवधेन्द्र प्रताप वर्मा जिला सेवायोजन अधिकारी बस्ती एवं उदयभान सिंह प्रधानाध्यापक पंख के जिला नोडल अधिकारी, डॉक्टर अर्पणा भारद्वाज प्रधानाचार्य राजकीय कन्या इंटर कॉलेज व प्रधानाचार्या श्रीमती संधिला चौधरी ने दीप प्रज्वलन कर सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत किया। विद्यालय के बच्चों द्वारा नृत्य कला संगीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर अवधेन्द्र प्रताप वर्मा ने बच्चों को उनके भीतर छुपे हुए सामान्य तार्किक विश्लेषण की खोज करने व उनके रुचि के अनुसार विभिन्न पाठ्यक्रमों व तकनीकी ज्ञान हासिल कर कैसे सफलता प्राप्त की जाए इस विषय पर विस्तार से अवगत कराया। उदयभान सिंह प्रधानाचार्य राजकीय उ0 माध्यमिक विद्यालय खलीलपट्टी ने करियर गाइडेंस के बारे में बच्चों को विस्तार से अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संवारी देवी सहायक अध्यापिका ने किया। अंत में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका संघिला चौधरी ने सभी मुख्य अतिथियों एवं आगंतुकगणो एवं कंपनी के एच.आर का स्वागत अभिनंदन किया, व बच्चों को पुरस्कार वितरित किया। इस मौके पर सविता सिंह, संघ लता गौतम, डॉ0 आराधना, श्रद्धा सिंह, ओम प्रकाश दीनानाथ प्रजापति लिपिक, सुनील कुमार पांडे, ग्राम प्रधान खखुवा, प्रमोद कुमार प्लेसमेंट प्रभारी क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय बस्ती पंकज कुमार श्रीवास्तव अनुदेशक, राकेश राय आदि लोग मौजूद रहे।


 

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