‘क्या’ एसआईटी, ‘नषे’ के ‘कारोबारियों’ के ‘मनी’ और ‘पावर’ का घमंड ‘चूर’ कर ‘पाएगी’?

 ‘क्या’ एसआईटी, ‘न‍शे’ के ‘कारोबारियों’ के ‘मनी’ और ‘पावर’ का घमंड ‘चूर’ कर ‘पाएगी’?

-क्यों कि बस्ती के एसपी को छोड़कर कोतवाल दिनेष चौधरीे, एसओ पुरानी बस्ती जयदीप दूबे, एसओजी प्रभारी निरीक्षक विकास सिंह, क्वाट टीम के प्रभारी चंदन एवं सर्विलांस प्रभारी षेष नाथ यादव की ईमानदारी पर बस्ती के लोग अनेक बार सवाल खड़ा कर चुके?

-अगर बस्ती के एसआईटी को ईमानदारी दिखानी है, तो सबसे पहले हर्ष मेडिसिन के लाइसेंसधारक एवं बीसीडीए के अध्यक्ष राजेष सिंह और यष मेडिसिन सेंटर की लाइसेंसधारक एवं राजेष सिंह की पत्नी दिव्या सिंह पर षिंकजा कसना होगा, इनके डीसीआर, नेटर्किंगं सिस्टम और बैंक स्टेटमेंट को खंगालना होगा, क्यों कि इन्हीं दोनों फर्मो से सबसे अधिक कोडीनयुक्त दवाओं का अवैध कारोबार किया

-अगर एसआईटी अपने मकसद में कामयाब हुई और ईमानदारी दिखाया तो नषे के कारोबार करने वालों का नेक्सस तोड़ा जा सकता, सब कुछ एसआईटी की ईमानदारी पर मामला आकर टिक जाता, क्यों कि एसपी को छोड़कर अन्य को मैनेज करना नषे के कारोबारियों के लिए आसान होगा

-जिले में पहली बार एसपी अभिनंदन ने इस अवैध कारोबार को संज्ञान में लेकर एसआईटी का गठन किया, अगर एसआईटी सफल हुई तो एसपी साहब पूरे प्रदेष में हीरो बन जाएगें, एसआईटी की टीम में प्रषासनिक अधिकारियों का षामिल न होना चर्चा का विषय बना हुआ

बस्ती। सफेदपोष कहे जाने वाले चंद समाज के दुष्मनों ने पैसा कमाने के लिए जिस तरह नषे का कारोबार किया और हजारों गरीब परिवारों के मुखिया को नषे का आदी बनाकर उनका घरों को बर्बाद किया, उसका हिसाब-किताब होने का समय लगता है, आ गया है। जांच पड़ताल के लिए जिले में पहली बार एसपी अभिनंदन ने इस अवैध कारोबार को संज्ञान में लेकर एसआईटी का गठन किया, अगर एसआईटी अपने मकसद में सफल हुई तो एसपी साहब पूरे प्रदेष में हीरो बन जाएगें, एसआईटी की टीम में प्रषासनिक अधिकारियों का षामिल न होना चर्चा का विषय बना हुआ। एसआईटी ने अपना काम मंगलवार से षुरु भी कर दिया, बैंक से डिटेल लिए जा रहे है।

अब यह पूरी तरह एसआईटी पर निर्भर हैं, कि वह उन लोगों को सलाखों के पीछे भेजती है, जिन लोगों ने गरीब परिवार के घरों को बर्बाद किया, या फिर ऐसे लोगों की चढढी बनियाइन उतारती हैं, या फिर आजाद घूमने का मौका देती है। क्यों कि बस्ती के एसपी को छोड़कर एसआईटी टीम में षामिल कोतवाल दिनेष चौधरीे, एसओ पुरानी बस्ती जयदीप दूबे, एसओजी प्रभारी निरीक्षक विकास सिंह, क्वाट टीम के प्रभारी चंदन एवं सर्विलांस प्रभारी षेष नाथ यादव की ईमानदारी पर बस्ती के लोग अनेक बार सवाल खड़ा कर चुके? वैसे भी इतनी बड़ी टीम को मैनेज करना आसान नहीं होगा, क्यों कि इसकी मानिटरिगं खुद एसपी कर रहे हैं। अगर एसआईटी को ईमानदारी दिखानी है, तो सबसे पहले ‘हर्ष मेडिसिन’ के लाइसेंसधारक एवं बीसीडीए के अध्यक्ष राजेष सिंह और ‘यष मेडिसिन सेंटर’ की लाइसेंसधारक एवं राजेष सिंह की पत्नी दिव्या सिंह पर षिंकजा कसना होगा, इनके डीसीआर, नेटर्किंगं सिस्टम और बैंक स्टेटमेंट को खंगालना होगा, क्यों कि इन्हीं दोनों फर्मो से सबसे अधिक कोडीनयुक्त दवाओं का अवैध कारोबार हुआ। अगर एसआईटी नषे के कारोबार करने वालों का नेक्सस को तोड़ना चाहती है, तो टीम के प्रत्येक सदस्य को ईमानदार बनना पड़ेगा। अब यह सब कुछ एसआईटी की ईमानदारी पर निर्भर करेगा। क्यों कि नषे के कारोबारियों के लिए एसपी को छोड़कर अन्य को मैनेज करना आसान होगा। अगर यही एसआईटी जिले के बाहर के लोगों की बनाई जाती तो उतना सवाल खड़ा नहीं होता, जितना बस्ती के एसआईटी पर खड़े हो रहे है। वैसे कमिष्नर ने भी इस मामले में खासतौर से बोगस फर्म को लाइसेंस देने के मामले में कार्रवाई करने के मूड में दिखाई देते हैं, इसका ईषारा उन्होंने एक दिन पहले मीडिया के सामने कर भी चुके है। वैसे इस मामले में बड़ी कार्रवाई होना इस लिए आसान नहीं माना जा रहा है, क्यों कि इस मामले में डिप्टी सीएम जैसे बड़े लोगों के षामिल होने की चर्चा हो रही है। अगर ऐसा नहीं होता तो बस्ती के नषे के कारोबारी यह कहते हुए नहीं फिरते कि उनका कुछ नहीं होगा, क्यों कि बस्ती से लेकर लखनउ तक उन लोगों की सेटिगं हो चुकी है। राजेष सिंह अगर बीडीसीए के अध्यक्ष होते तो उतना चर्चा नहीं होता, जितना यह एआईओसीडी जो देष की एक मात्र ऐसी संगठन हैं, जो पूरे देष में काम कर रही है, उसके पदाधिकारी न होते। अब जरा अंदाजा लगाइए कि होलसेल दवाओं का कारोबार करने वाले चार-पांच लोग मिलकर अवैध रुप से करोड़ों कमाने के लिए एक साजिष रचते है। इस साजिष में डीएलए और डीआई को भी पार्टनर के रुप में षामिल करते हैं, क्यों कि बिना इनके षामिल हुए साजिष को अंजाम नहीं दिया जा सकता। इन लोगों ने मिलकर गणपति नामक फर्म के नाम होलसेल का लाइसेंस बिना यूपीजीएसटी का दिलवाया। इसी बोगस फर्म के जरिए लाखों षीषी कोडीनयुक्त सीरप का अवैध कारोबार हुआ। आप लोगों को जानकर हैरानी होगी, यह अवैध कारोबार पिछले दो सालों से बस्ती में हो रहा है, सवाल उठ रहा है, कि क्या ऐसा हो सकता है, कि इसकी भनक डीएलए एवं डीआई को न लगी हो। अगर लखनउ वाले सक्रिय न होते तो डीएलए और डीआई कभी न कार्रवाई करते। जब इस मामले में कई मेडिसिन के रिटेलर्स से बात की गई तो सभी ने नाम न छापने की षर्त पर बताया कि बीसीडीए के अध्यक्ष ने जो भी किया वह बहुत गलत किया। कहते हैं, कि आप पूरे मार्केट में चले जाइए आप को एक भी षीषी कोडीन सिरप की नहीं मिलेगी, क्यों कि इसके बेचने पर इतनी सारी समस्या आती है, कि लोगों ने बेचना बंद कर दिया। यह भी कहते हैं, कि यह सिरप दवाओं के दुकानों पर तो नहीं मिलेगी, लेकिन परचून, चाय और पंचर बनाने वाले के यहां अवष्य मिल जाएगी।

क्या ‘योगीराज’ में ‘रफीउदीन’ को ‘न्याय’ और ‘डा. प्रमोद चौधरी’ को ‘सजा’ मिल ‘पाएगा’?

-थकहार कर रफीउदीन खान ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखकर उनसे न्याय और उनकी डिग्री का दुरुपयोग करने वाले मेडीवर्ल्ड हास्पिटल के डा. प्रमोद चौधरी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की

बस्ती। बार-बार सवाल उठ रहा है, कि क्या रफीउद्दीन खान को न्याय और इनके डिग्री का दुरुपयोग करने वाले मेडीवर्ल्ड हास्पिटल के डा. प्रमोद चौधरी को सजा मिल पाएगा? जिस तरह सीएमओ और नोडल डा. एसबी सिंह मेडीवर्ल्ड हास्पिटल के डा. प्रमोद चौधरी का बचाव कर रहे हैं, उसे देखकर नहीं लगता कि रफीउदीन को न्याय और डा. प्रमोद चौधरी को सजा मिल पाएगी। एक सही व्यक्ति न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहा है, और डा. प्रमोद चौधरी मलाई काट रहे है। थकहार कर रफीउदीन खान ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखकर उनसे न्याय और उनकी डिग्री का दुरुपयोग करने वाले मेडीवर्ल्ड हास्पिटल के डा. प्रमोद चौधरी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

लिखे पत्र में रफीउदीन खान पुत्र मैनुद्दीन खान ने कहा कि उसने जुलाई 2020 में सरदार पटेल इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस से एक्सरे टेक्नीशियन की पढ़ाई शिक्षा उत्तीर्ण कर रजिस्टर्ड है जिसका नंबर एक्स-रे 4056 रजिस्टर्ड है। कहा कि मेरी डिग्री की छाया प्रति कहीं से प्राप्त कर मेडीवर्ल्ड हास्पिटल मनहनडीह निकट टीबी अस्पताल बस्ती ने अपने हास्पिटल के रजिस्ट्रेशन में लगा लिया है, उक्त डिग्री तब से लगा हुआ है जब से मेडीवर्ल्ड हास्पिटल मनहनडीह निकट टीवी अस्पताल अस्तित्व में है। उक्त की जानकारी डिग्री धारी को नहीं था न डिग्री धारी रफीउद्दीन कोयह ज्ञात था की उक्त हास्पिटल का संचालित हो रहा है। कहा कि 20 सितंबर 2025 को जब इसकी जानकारी डिग्री धारी रफीउद्दीन खान को हुआ तो तत्काल उन्होंने दूरभाष पर इसकी जानकारी उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल अधिकारी हॉस्पिटल को दिया। इस पर तत्काल नोडल अधिकारी द्वारा 20 सितंबर 2025 को ही मेडीवर्ल्ड हास्पिटल प्रबंध संचालक निदेशक से नोटिस देकर एक दिवस में उनका पक्ष जवाब मांगा किंतु उक्त हास्पिटल द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। नोडल अधिकारी ने 29 सितंबर 2025 को पुनः दूसरी नोटिस देकर मेडिवर्ल्ड हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर ओपीडी आईपीडी बंद करने का आदेश दिया। लेकिन पता नहीं किन कतिपय कारणों से रफीउद्दीन खान के शिकायत का बिना निस्तारण किए पुनः मेडीवर्ल्ड हास्पिटल का पंजीकरण कर दिया गया जो सरसर गलत अन्याय पूर्ण है। कहा कि रफीउद्दीन खान न्याय के लिए दर-दर भटक रहे ह,ैं मेडीवर्ल्ड हास्पिटल का पुनः रजिस्ट्रेशन किया जाना भी बड़ा संदेहास्पद है।

जबकि यह स्पष्ट है कि यदि कोई हास्पिटल किसी टेक्नीशियन को बिना बताए उसकी डिग्री का अनाधिकृत रूप से प्रयोग करता है तो यह गैर कानूनी व अनैतिक है, बिना अनुमति के किसी की डिग्री क्रेडेंशियल का उपयोग करना धोखाधड़ी है। उसके बाद भी बिना रफीउद्दीन खान के शिकायत की जांच पूर्ण किए पुनः मेडीवर्ल्ड हास्पिटल का पंजीकरण किया जाना सीएमओ कार्यालय व जिम्मेदारों पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है। नोडल अधिकारी द्वारा 03-03 बार मेडि वर्ल्ड हास्पिटल को नोटिस दिया जाना और फिर हास्पिटल का पंजीकरण किया जाना नोडल व सीएमओ के कदाचार पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाता?। अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बस्ती मंडल को साक्ष्य संलग्न शपथपत्र दिए जाने पर कार्रवाई न किया जाना आला अधिकारियों के कदाचार पर बड़ा प्रश्न चिन्ह? लगातार प्रार्थी को ही दौड़ाया जाना व उल जलूल प्रश्न किया जाना सीएमओ व नोडल अधिकारी के भ्रष्ट चरित्र को दर्शाता है। पीड़ित रफीउद्दीन खान को मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। रफीउद्दीन के साथ कोई घटना घटित होती है तो सीएमओ नोडल व मेडीवर्ल्ड हास्पिटल के संचालक सभापति रेडक्रास सोसायटी बस्ती डॉ प्रमोद कुमार चौधरी जिम्मेदार होंगे। कहा कि भ्रष्टाचार के आगे सत्य को कुचला जा रहा है सीएमओ आफिस व अधिकारी लिपिक भ्रष्टाचार के पर्याय बन गये है।

जागा ‘फूड विभाग’, पकड़ा ‘नकली पनीर’ का ‘जखीरा’

-10-20 किलो नहीं 210 किलो पकड़ा गया नकली पनीर

बस्ती। जब भी खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी जागते हैं, तब उन्हें नकली पनीर का जखीरा मिलता हैं, इन अधिकारियों के साथ प्राब्लम यह है, कि यह जागते कम और सोते अधिक है। यह जागते तब हैं, जब इन्हें अपना और विभाग का टारगेट पूरा करना होता है। सवाल उठ रहा है, कि जिस विभाग के अधिकारियों के जिम्मे जिले के लाखों लोगों के सेहत की जिम्मेदारी है, अगर वही लोग सोते रहेगें तो जिले के लोगों का सेहत कैसे ठीक रहेगा, इनके सोने से सबसे अधिक चांदी नकली पनीर का कारोबार करने वालों की रहती है। दिपावली के सोने के बाद अब यह जागे, और जागते ही पकड़ा 210 किलो नकली पनीर। यह नरकली पनीर कस्बा गनेशपुर में अभियुक्त के पास से एक अदद वाहन अशोक लेलैंड छोटा हाथी बिना नंबर प्लेट के वाहन से बरामद हुआ। गणेशपुर में संदिग्ध व्यक्तिवाहन की चेकिंग के दौरान अनिल कुमार सिंह, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मय हमराह बृजेश कुमार वर्मा खाद्य सुरक्षा अधिकारी के हत्थे चढ़ गया। जैसे ही पुलिस वालों को देखा रुक गया। वाहन के चालक का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम बजरंगी लाल वर्मा पुत्र नेबूलाल वर्मा, ग्राम व पोस्ट- बेलघाट, थाना पैकोलिया, जनपद बस्ती उम्र करीब 38 वर्ष बताया। वाहन में लोड सामान के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि साहब गाड़ी में 210 किलोग्राम नकली पनीर है। जिसे मैं अपने पूर्व परिचित जिसका नाम पता नहीं जानता हूँ मो0 नं0- 9205843664 है से वार्ता होती है, वही माल उपलब्ध कराता है। जिसे वह भुजैनी के पास शिव शक्ति मिल्क प्रोडक्ट ग्राम तेनुहारी सोयम, जनपद सन्तकबीरनगर की फैक्ट्री से लाना बताता है। इस पर खाद्य सुरक्षा की टीम द्वारा बरामद पनीर की जांच करती है। तो उक्त पनीर कुल 06 गत्तों में पैक मिलता है। जिसे खोलकर देखा गया तो प्लास्टिक की पन्नी में व थर्माकोल के डब्बेगत्ते में पैक था, जो रंग और गन्ध से प्रथम दृष्टया अपमिश्रित लगा। जो मानव जीवन के लिए हानिकारक है

‘रेडक्रास सोसायटी’ के ‘शिविर’ में ‘37’ ने किया ‘रक्तदान’  

बस्ती। 1971 के भारत पाक युद्ध में अपने अदम्य साहस, शौर्य का पराक्रम दिखाते हुये ऐतिहासिक विजय का परचम फहराने वाले मां भारती के अमर जवानों की याद मे मनाये जाने वाले विजय दिवस के अवसर पर रेडक्रास सोसायटी की बस्ती शाखा की ओर से राजेश कुमार ओझा के संयोजन में सैनिक कल्याण एवं पुनर्वावास कार्यालय परिसर में रक्तदान एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। डीएम कृत्तिका ज्योत्सना और सीएमओ राजीव निगम ने फीता काटकर शिविर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर 37 यूनिट रक्तदान किया गया और सैकड़ों लोगों ने स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर निःशुल्क परामर्श व दवाइयों का लाभ उठाया। उक्त जानकारी देते हुये सोसायटी के सचिव रंजीत श्रीवास्तव ने बताया कि शिविर में कुल 350 से ज्यादा लोगों ने निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण का लाभ लिया। इसमे ईसीजी, एलएफटी, केए्टी, पीएफटी, सुगर, बीपी, लिपिड प्रोफाइल आदि जाचें शामिल थीं।



इस अवसर पर कई लोगों ने रेडक्रास सोसायटी की सदस्यता भी ली। राजेश कुमार ओझा ने इंडियन रेडक्रास सोसायटी के बारे मे लोगों को विस्तार से जानकारी देते हुये सदस्यता ग्रहण करने का आवाह्न किया। सोसायटी के उपसभापति डा. एलके पाण्डेय ने कहा रक्तदान हमे कई गंभीर रोगों के खतरे से बचाता है। सोसायटी के चेयरमैन डा. प्रमोद कुमार चौधरी ने सभी सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने कहा रक्तदान से घबराना नही चाहिये। स्वस्थ रहने के लिये रक्तदान है। शिविर में प्रमुख रूप से डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव, डा. विनोद अग्रहरि, डा. मनोज सिंह, डा. संजय, सतेन्द्र दूबे, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, रणविजय सिंह तथा आयोजन समिति के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल देविन्द्र गोहानी, लेफ्टिनेंट कर्नल दिनेश कुमार सिंह, डॉक्टर राम गोपाल सिंह पूर्व प्रधानाचार्य, ओएन उपाध्याय, कैप्टन आर के यादव, कैप्टन दिनेश सिंह, राम जी गौड़, केके श्रीवास्तव, नरसिंह प्रसाद, विजयपाल, महेंद्र सिंह आदि का सहयोग रहा।

‘बनकटी’ के ‘विकास’ पुरुष, ‘अरविंद’ पालःहरीश द्विवेदी

-‘जिले’ के ‘दूसरे’ सबसे बड़े ‘स्टेडिएम’ का ‘बसौढ़ी’ में हुआ ‘षिलान्यास’

बनकटी/बस्ती। आदर्श नगर पंचायत बनकटी के वार्ड संख्या 5 वशिष्ठ नगर (बसौढी) में मंगलवार को भाजपा के नेता अरविंद पाल के नेतृत्व में पूर्व सांसद हरीश दिवेदी असम प्रभारी के कर कमलों से आचार्य अर्म्ब्शि शुक्ल द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के बीच भूमि पूजन समपन्न हुआ। श्रीपाल ने कहा कि जिले के स्टेडियम के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम होगा, जो पूर्व सांसद के सहयोग से तीन करोड़ 69 लाख रुपये स्वीकृति हुआ। कहा कि अब बनकटी के लाल देश विदेश में खेल के माध्यम से घमाल मचाएंगे। भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र ने कहा कि खेल के मामले में पूर्व सांसद पूरे देश में जाने जाते हैं। इनके सहयोग से खेल प्रतिभाओं में जो विकास हुआ, वह पूरे देश में किसी सांसद ने नहीं किया कहा कि बस्ती स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेल का उद्घाटन करने आये थे। जो देश- विदेश के लिए एक रिकार्ड बन गया है।



मैं अरविंद पाल को बधाई देता हूँ। मुख्य अतिथि द्विवेदी ने कहा अरविंद पाल विकास पुरुष है। यह इनका ही प्रयास है जो स्टेडियम उत्तर प्रदेश में पहले स्थान पर बनेगा। यह अलग बात है हर कार्य का श्रेय हमें देते रहते हैं। तीन साल के बीच में इन्होंने अनगिनत कार्य किया है। क्षेत्र के विकास व लोगों के कल्याण के लिए प्रयास करते रहते हैं। जब पत्रकारों ने इन्हें चारों ओर से घेर लिया तो कहने लगे कि जिस प्रकार से आप सब हमसे प्रश्न पर प्रश्न करते रहते थे कि उसी तरह से आप सभी बाबूजी से प्रष्न करते रहिएगा, ताकि वह सोने ना पाए। इनका इषारा सांसद रामप्रसाद चौधरी की ओर था। नगर पंचायत के सभी आगन्तुक को कंबल वितरण किया गया। संचालन प्रधान संघ के कथित अध्यक्ष रविचन्द्र पान्डेय ने किया। इस मौके पर सीडीए अकादमी की डाइरेक्टर अरूणा पाल, चेयरमैन उर्मिला देवी, इओ ऋचा सिंह, अश्वनी उपाध्याय, अंकित पान्डेय, जगदीश शुक्ल, अनिल मौर्य, अतुल पाल, विवेकानंद शुक्ल, प्रमोद पान्डेय, रमेश अग्रहरि, अरूण कुमार पान्डेय, भाजपा नेता रघुनाथ सिंह सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

साहब ‘ठंड’ और ‘कोहरा’, स्कूल ‘10 बजे’ से कर ‘दीजिए’

बस्ती। भीषण शीतलहर को देखते हुये मंगलवार को विद्यालय के समय परिवर्तित किए जाने की मांग को लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल के नेतृत्व में संगठन पदाधिकारियों, शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीएम के प्रशासनिक अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार तिवारी को ज्ञापन सौंपा। मांग किया गया कि बच्चों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत विद्यालय समय परिवर्तित कर उसे 10 बजे दिन से किया जाय।


संघ जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल ने कहा कि घना कुहरा और ठंड को देखते हुये छोटे बच्चों को स्कूल आने में परेशानी हो रही है। शिक्षक भी परेशान है। दुर्घटनायें बढ रही है इसे देखते हुये विद्यालय का समय 10 बजे दिन से किया जाय। ज्ञापन देने के दौरान जिला मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह, जिला प्रवक्ता सूर्य प्रकाश शुक्ला, जिला उपाध्यक्ष इंद्र सेन मिश्रा, रीता शुक्ला, राहुल उपाध्याय, राजकांत वर्मा, संजय मौर्य, विवेकानंद, अभिषेक जायसवाल आदि पदाधिकारी, शिक्षक शामिल रहे। 

‘बंदे मातरम गान’ के साथ ‘याद’ किए गए ‘1971’ युद्व के ‘सैनिक’

बस्ती। वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति द्वारा महामंत्री वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम प्रकाश शर्मा के संयोजन में भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुये 13 दिन, 93 हजार सैनिक और ऐतिहासिक जीत का विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर भारत-पाक के युद्ध में हिस्सा लेने वाले मुण्डेरवा थाना क्षेत्र के अब्दुल मन्नान को सम्मानित किया गया। वंदे मातरम के सामूहिक गान के बाद पूर्व प्रधानाचार्य डा. रामनरेश सिंह मंजुल, डा. वी.के. वर्मा, श्याम प्रकाश शर्मा, बी.के. मिश्र, बी.एन. शुक्ल आदि ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लेकर देश सेवा करने वाले सैनिकों, शहीद सैनिकों को कलेक्टेªट परिसर के निकट पुष्पांजलि अर्पित कर अपने वीर साथियों को नमन किया।


उपस्थित जनों ने शहीदों के अदम्य साहस, त्याग और बलिदान को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 1971 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक युद्ध में सैनिकों ने निर्णायक जीत दर्ज की थी। इसी विजय के परिणामस्वरूप बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में विश्व मानचित्र पर उभरा। यह युद्ध केवल हथियारों का संघर्ष नहीं था, बल्कि मानवता, न्याय और आत्मसम्मान की लड़ाई थी। भारतीय सशस्त्र बलों और बांग्लादेशी मुक्ति वाहिनी ने अद्वितीय साहस और बलिदान का परिचय देते हुए इस युद्ध को अंजाम तक पहुंचाया। ऐसे बीर सैनिक और बलिदानी युगों तक याद किये जायेंगे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनुरोध श्रीवास्तव, अजमत अली सिद्दीकी, पेशकार मिश्र, सामईन फारूकी, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, दीनानाथ यादव, संजीव पाण्डेय, नेबूलाल, गनेश, मेहीलाल, डा.राजेन्द्र सिंह ‘राही’, कृष्णचन्द्र पाण्डेय, लालजी पाण्डेय के साथ ही अनेक लोग उपस्थित रहे। 

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