‘न्यायालय’ में ‘नाईभाई’ और ‘समाज’ में ‘लालाभाई’


न्यायालय’ में ‘नाईभाई’ और ‘समाज’ में ‘लालाभाई’

-थाल्हापार के नटवरलाल जितेंद्र श्रीवास्तव उर्फ नाई का मुकदमा लड़ने वाले वकील साहब भी इसे लाला ही जानते, इसके न जाने कितने रुप, इनका नेटवर्क यूपी से लेकर बिहार तक फैला हुआ

-यह इतना बड़ा नटवरलाल निकला कि इसने अपने वकील को भी नहीं छोड़ा, वकील साहब के जिगरी दोस्त फरदा के अवधेष यादव को भी 50 हजार का चूना लगा दिया, बाइक छीना तो 25 हजार दिया

-मुंडेरवा और लालगंज थाने में कई मुकदमा दर्ज, फरार हुआ, पकड़ा गया, जमानत कराया और फिर फरार हो गया, इसके खिलाफ एनबीडब्लू तक जारी, फिर भी पुलिस पकड़ नहीं पा रही, दरोगाजी कहते हैं, कि आप लोग दो-दो लाख दो तो पकड़कर लाता हुं

-चोलखरी के अषोक कुमार प्रजापति को जमीन के मामले में 1.73 लाख सदानंद के साथ मिलकर ठगा, एफआईआर, वांरट, कुर्की और एनबीडब्लू सब कुछ हो गया, 2013 से मुकदमा चल रहा

-डीआईजी कार्यालय के सामने नाई इनायतुल्लाह पुत्र अजीमुल्लाह से जितेंद्र श्रीवास्तव उर्फ विपिन श्रीवास्तव ने बनकटी ब्लॉक में चपरासी की नौकरी लगाने के नाम पर 2.17 लाख ठगा, नाई ले पांच-पांच सौ रुपया इसके यूनियन बैंक आफ इंडिया के खाता 713102010007329 में जमा किया

-उक्त खाते को साइबर क्राइम वालों ने फ्रीज कर दिया, एक-एक दिन 40 से 50 लेन देन हुआ, सुबह अगर 10 लाख आया तो षाम होते-होते दसों लाख दूसरे बैंक में भेज देता, फ्राड पकड़ा न जाए इसके लिए कई बैकों में इसके खाते

-पाकड़डाड़ के संजय चौधरी और गोरखपुर के संजय श्रीवास्तव से भी नौकरी के नाम पर लाखों लिया, न नौकरी मिली और न पैसा ही मिला, मुंडेरवा के रामपुर, धौरहरा और कोचना के लोगों को सबसे अधिक चूना लगाया

-अगर इसने किसी से पांच या दो लाख आनलाइन व्यापार करने के नाम पर लिया, तो इसने विष्वास जमाने के लिए एक लाख पर हर माह 18 हजार देता भी था, जिसके खाते में पैसा जाता था, उससे कहता था, कि अन्य लोगों का भी पैसा लगवाओ

-जो लोग आज षिकायतें कर रहे हैं, वह लोग कभी नटवरलाल के भागीदार यानि बिचौलिया का काम करते थे, जब नटवरलाल भाग गया तो लोगों ने बिचौलियों पर पैसा देने के लिए दबाव बनाना षुरु कर दिया, तब यह लोग बचने के लिए मीडिया का सहारा लिया, और कह दिया कि वह तो खुद ठगी का षिकार

-कहने का मतलब पैसा भी आप और मुनाफा भी आप का, इसे कहते हैं, नटवरलाल

बस्ती। फोटो वाले व्यक्ति को अच्छी तरह एक बार फिर पहचान लीजिए और अगर कहीं यह दिखाई तो इसकी जानकारी संबधित थानों की पुलिस को अवष्य दे, क्यों कि यह व्यक्ति कानून और समाज का दुष्मन है।


भगोढ़ा घोषित है। समाज और पुलिस दोनों इसे तलाष कर रही है। थाना लालंगज के चर्चित गांव थाल्हापार के जितेंद्र श्रीवास्तव उर्फ नाई को नटवरलाल किसी और ने नहीं बल्कि उसके 20-20 साल पुराने मित्रों ने बनाया। यह अलग बात हैं, कि इसने अपने मित्रों को भी नहीं छोड़ा। यह भी सही है, कि मित्रों ने मित्रवत साथ नहीं दिया, बल्कि पाप की कमाई में हिस्सेदारी बनने के लिए दिया। अगर कोई मित्र 20 साल बाद भी अपने मित्र को नहीं पहचान पाता तो सवाल तो मित्रों पर भी उठेगा। जो चर्चा हो रही है, अगर उसे ाही माना जाए तो लोग आज षिकायतें कर रहे हैं, वह लोग कभी नटवरलाल के भागीदार यानि बिचौलिया का काम करते थे, जब नटवरलाल भाग गया तो लोगों ने बिचौलियों पर पैसा देने का दबाव बनाने लगें। तब यह लोग बचने के लिए कहने और तहरीर देने लगे कि वह तो खुद ठगी का षिकार है। यह सही है, कि नटवरलाल ने किसी को भी छोड़ा, यह इतना बड़ा नटवरलाल निकला कि इसने उन वकील साहब को भी नहीं छोड़ा जो इसका मुकदमा लड़ रहें हैं, इनके जिगरी दोस्त फरदा के अवधेष यादव को भी दोगुना पैसा करने के नाम पर 50 हजार का चूना लगा दिया, बाइक छीना तो 25 हजार दिया। थाल्हापार के नटवरलाल जितेंद्र श्रीवास्तव उर्फ नाई का मुकदमा लड़ने वाले वकील साहब भी इसे लाला ही जानते हैं, इसके न जाने कितने रुप, इसका नेटवर्क यूपी से लेकर बिहार तक फैला हुआ। न्यायालय में यह नाई और समाज में लाला बना हुआ है। जितने भी षिकायतें की गई उन सभी में इसे जितेद्र श्रीवास्तव लिखा गया। मुंडेरवा और लालगंज थाने में कई मुकदमा दर्ज, फरार हुआ, पकड़ा गया, जमानत कराया और फिर फरार हो गया, इसके खिलाफ एनबीडब्लू तक जारी, फिर भी पुलिस पकड़ नहीं पा रही, दरोगाजी कहते हैं, कि आप लोग दो-दो लाख दो तो पकड़कर लाता हुं।

चोलखरी के अषोक कुमार प्रजापति को जमीन के मामले में 1.73 लाख सदानंद के साथ मिलकर ठगा, एफआईआर, वांरट, कुर्की और एनबीडब्लू सब कुछ हो गया, 2013 से मुकदमा चल रहा। डीआईजी कार्यालय के सामने नाई इनायतुल्लाह पुत्र अजीमुल्लाह से जितेंद्र श्रीवास्तव उर्फ विपिन श्रीवास्तव ने बनकटी ब्लॉक में चपरासी की नौकरी लगाने के नाम पर 2.17 लाख ठगा, नाई ने पांच-पांच सौ रुपया इसके यूनियन बैंक आफ इंडिया के खाता 713102010007329 में जमा किया। पैसा भी गया और नौकरी भी चली गई। इस खाते को साइबर क्राइम वालों ने फ्रीज कर दिया, इस खाते से एक-एक दिन में 40 से 50 लेन देन हुआ, सुबह अगर 10 लाख आया तो षाम होते-होते दसों लाख दूसरे बैंक में चला गया, फ्राड पकड़ में न आए इसके लिए कई बैकों में इसने खाते खोल रखे हैं। पाकड़डाड़ के संजय चौधरी और गोरखपुर के संजय श्रीवास्तव से भी नौकरी के नाम पर लाखों लिया, न नौकरी मिली और न पैसा ही मिला, मुंडेरवा के रामपुर, धौरहरा और कोचना के लोगों को सबसे अधिक चूना लगाया। अगर इसने किसी से पांच या दो लाख आनलाइन व्यापार करने के नाम पर लिया, तो इसने विष्वास जमाने के लिए एक लाख पर हर माह 18 हजार देता भी था, जिसके खाते में पैसा जाता था, उससे कहता था, कि अन्य लोगों का भी पैसा लगवाओ। इसके लिए वह कमीषन भी देेता था।  कहा जाता है, कि जो लोग आज षिकायतें कर रहे हैं, वह लोग कभी नटवरलाल के भागीदार यानि बिचौलिया का काम करते थे, जब नटवरलाल भाग गया तो लोगों ने बिचौलियों पर पैसा देने के लिए दबाव बनाना षुरु कर दिया, तब यह लोग बचने के लिए कह दिया कि वह तो खुद ठगी का षिकार हुआ। कहने का मतलब पैसा भी आप और मुनाफा भी आप का, इसे कहते हैं, नटवरलाल। सबसे बड़ा सवाल लालगंज और मुंडेरवा थाने की पुलिस पर उठ रही है, कहा जाता है, कि जो भी व्यक्ति समाज और कानून का दुष्मन हो, उसे पुलिस क्यों नहीं पकड़ पा रही है? जब कि इसके खिलाफ एनबीडब्लू तक हो चुका।




‘पटलजी’ की ‘दूरदृष्टि’ और नेतृत्व से ‘भारत’ आज विश्व ‘पटल’ पर ‘खड़ा’ःविवेकानंद

-सरदा पटेल का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोतःसंजय चौधरी

-सरदार पटेल के विचार आज भी प्रासंगिक, उन्होंने अपने कर्म से यह सिद्ध किया कि संगठन और अनुशासन किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होतेःदयाराम चौधरी

-पटेल जी भारतीय राजनीति के ऐसे महान पुरोधा थेःमहेष षुक्ल

-नयी पीढी को ऐसे महापुरूष के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिएःराधेष्याम कमलापुरी

-पटेल जयंती के उपलक्ष्य में निकली पद यात्रा

बस्ती। विधानसभा कप्तानगंज में राष्ट्र की एकता, अखण्डता और संगठन के प्रतीक लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी द्वारा पदयात्रा का आयोजन किया गया। पदयात्रा का आरम्भ बुधवार सुबह दुबौला चौराहा से हुआ, जहाँ सैकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एकत्रित हुए। उत्साह, जोश और देशभक्ति के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। यात्रा का नेतृत्व विधानसभा संयोजक अखण्ड सिंह ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरदार पटेल जी के चित्र पर माल्यार्पण और राष्ट्रगीत के गायन से हुई। इसके बाद पदयात्रा “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के उद्घोष के साथ आगे बढ़ी।

पदयात्रा श्री गणेश विद्या मंदिर किसान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हरदी बाबू, बस्ती में पहुँचकर संपन्न हुई। यहां समापन सभा का आयोजन किया गया। पूरे मार्ग पर स्थानीय नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर कार्यकर्ताओं का स्वागत किया। इस दौरान तिरंगा के झंडों और बैनरों से पूरा क्षेत्र देशभक्ति के रंग में रंग गया था।



कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी के साथ ही गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ल, पूर्व विधायक दयाराम चौधरी आदि ने सम्बोधित करते हुये लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मीडिया संयोजक राधेश्याम कमलापुरी ने संचालन करते हुये सरदार वल्लभभाई पटेल योगदान पर प्रकाश डालते हुये कहा कि नयी पीढी को ऐसे महापुरूष के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि सरदार पटेल का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत है। गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ला ने सरदार पटेल जी के जीवन वृत पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पटेल जी भारतीय राजनीति के ऐसे महान पुरोधा थे। समापन सभा का संचालन विधानसभा संयोजक अखण्ड सिंह ने किया। कहा कि सरदार पटेल जी ने जिस मजबूत भारत का सपना देखा था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वह सपना साकार होता दिखाई दे रहा है। सभा का स्वागत भाषण जिले के प्रभारी राकेश श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कहा कि पटेल जी ने अपने कर्म, निष्ठा और दृढ़ इच्छा शक्ति से देश की 562 रियासतों को एक सूत्र में पिरोया और आज हम एक अखंड भारत के रूप में गर्व से खड़े हैं। मुख्य वक्ता उमा शंकर पटवा ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के रियासतों को एक करने का जो महान कार्य किया, वह असाधारण था। उनके दूरदर्शी नेतृत्व के कारण ही भारत एक सशक्त, एकीकृत राष्ट्र के रूप में उभरा। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम सब उनके आदर्शों को आत्मसात करें और भारत को और मजबूत बनाने के लिए उनके बताए मार्ग पर चलें।

कार्यक्रम के विधानसभा प्रभारी पूर्व विधायक दयाराम चौधरी ने कहा कि सरदार पटेल जी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने अपने कर्म से यह सिद्ध किया कि संगठन और अनुशासन किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होते हैं। सभा में पूर्व जिलाध्यक्ष सुशील सिंह, पूर्व विधायक सी.ए. चंद्र प्रकाश शुक्ला , जिले के संयोजक प्रत्यूष सिंह, अरविंद सिंह, कप्तानगंज मंडल अध्यक्ष गौरव मणि त्रिपाठी, हरदिया मंडल अध्यक्ष लवकुश शुक्ला, गौर मंडल अध्यक्ष राजेश कमलापुरी, परसा मंडल अध्यक्ष मनोज पाठक, दुबौलिया मंडल अध्यक्ष गंगेश सिंह सहित अनेक वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता मंचासीन रहे। कार्यक्रम में दुष्यंत विक्रम सिंह, आनंद सिंह कलहंस, विनोद चौधरी, अनुपम पांडे, गजेंद्र मणि त्रिपाठी, विजय गुप्ता, नागेंद्र सिंह सिंकू राणा, दिग्विजय सिंह, राधेश्याम जायसवाल, ओमप्रकाश ओझा, अजीत पांडे, सोनू समेत बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र ने कहा कि सरदार पटेल भारतीय राजनीति के वह नायक थे जिनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व से भारत आज विश्व पटल पर गर्व से खड़ा है। विद्यालय के प्रबंधक संजय सिंह, सहाबुद्ीन निषाद, मनोज ओझा, हरेंद्र तिवारी, जिले के आईटी संयोजक रवि तिवारी, कप्तानगंज मंडल प्रभारी गजेंद्र मणि त्रिपाठी एवं दिव्यांशु दुबे के साथ ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।



’पत्रकारों’ की ‘समस्याओं’ को लेकर ‘कमिष्नर’ को सौंपा ‘ज्ञापन’

-ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन बस्ती मंडल की ओर से सीएम को संबोधित मांग पत्र दिया

बस्ती। प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन मण्डलायुक्त अखिलेश कुमार सिंह को सौपा। कार्यक्रम का नेतृत्व मंडल अध्यक्ष बलराम त्रिपाठी ने किया।


इस दौरान बस्ती, संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर के पत्रकार भारी संख्या में मौजूद रहे। आयुक्त अखिलेश सिंह ने कहा कि पत्रकारों से संबंधित समस्याओं को आज ही मुख्यमंत्री को संदर्भित कर दिया जाएगा। प्रदेश महामंत्री संजय द्विवेदी ने मंडल स्तर पर भी जिला स्थाई समिति के गठन की मांग की। ज्ञापन में प्रदेश में पत्रकार मान्यता प्राप्त समिति एवं विज्ञापन मान्यता समिति में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के दो-दो प्रतिनिधि सम्मिलित किया जाय। ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं(समाचार संकलन) के अध्ययन एवं निरुपण के लिए ग्रामीण पत्रकार आयोग का गठन किया जाय। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कार्यालय हेतु दारुल शफा अथवा ओसीआर में स्थान आवंटित किया जाय। तहसील और ब्लॉक स्तर पर मान्यता के लिये किये गए प्राविधान में संशोधन करके मान्यता मानदंडों में आने वाले सभी दैनिक समाचार पत्रों के संवाददाताओं को मान्यता का मार्ग प्रशस्त किया जाय। परिवहन और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाय, गैर मान्यता प्राप्त ग्रामीण पत्रकारों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने हेतु प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से आच्छादित किया जाने की मांग की गई है। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री संजय द्विवेदी, जिलाध्यक्ष बस्ती अवधेश त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष सिद्धार्थनगर आलोक श्रीवास्तव,जिलाध्यक्ष संतकबीरनगर सौरभ कुमार त्रिपाठी, महेन्द्र श्रीवास्तव, मुहम्मद परवेज अख्तर, सगीर खकसार, डा. एस.के. सिंह, राजेश सिंह विशेन, विवेक मिश्रा, दुर्गेश ओझा, रितेश बाजपेयी, राजेन्द्र दुबे, बेचू लाल अग्रहरी, संतोष कसौधन, अतुल सिंह, रबल कमलापुरी, आलोक मिश्रा, महबूब पठान, अतीक अहमद, राजेश सिंह, राजेश पांडेय, जी एच कादिर, राम पूजन सोनी, अश्विनी पाण्डेय, सतीश मिश्रा, परशुराम वर्मा, शैलेन्द्र उपाध्याय, उदयभान सैनी, सुशील दुबे, एजाज अहमद, खगेन्द्र नाथ मिश्रा, करीम मेहदावली सहित भारी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे।

‘रेप’ की षिकार ‘नाबालिग’ ने जब ‘सुलह’ नहीं किया तो ‘कोर्ट’ से ‘ही’ उठा ‘लिया’!

-बयान देने आई लड़की के अपहरण के मामले में ग्राम ढेलहूपुर, थाना परसरामपुर, जिला कुलदीप, अनीता पत्नी कुलदीप, बलजीत सिंह पुत्र शिव कुमार सिंह, मनीष सिंह पुत्र हनुमान सिंह, हनुमान सिंह पुत्र जमादार सिंह साकिन ढेलहूपुर थाना परसरामपुर बस्ती, गौरी शंकर पुत्र रामजस एवं ललिता देवी पत्नी गौरी शंकर अशोकपुर, थाना परसरामपुर सहित आठ अज्ञात पर कोतवाली में दर्ज हुआ मुकदमा

-एफआईआर में बलात्कार की षिकार 15 साल की लड़की की हत्या और लाष को गायब करने की आंषका पिता ने जताई, कहा कि इस मामले में अभिषेक सिंह और विषाल दूबे जेल में बंद, कुलदीप व मनोज जमानत पर

-कहा गया कि यह लोग लड़की पर सुलह करने का काफी दबाव बना रहे थे, और धमकी दे रहे थे, कि अगर दोनों की जमानत नहीं हुई तो इसका परिणाम बहुत बुरा होगा

बस्ती। एक दिन पहले कोतवाली में एक ऐसी कथित बलात्कार की षिकार 15 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण करने का मामला दर्ज हुआ। जो काफी चौकाने वाला है। लड़की के अपहरण के मामले में पिता की ओर से ग्राम ढेलहूपुर, थाना परसरामपुर, जिला कुलदीप, अनीता पत्नी कुलदीप, बलजीत सिंह पुत्र शिव कुमार सिंह, मनीष सिंह पुत्र हनुमान सिंह, हनुमान सिंह पुत्र जमादार सिंह साकिन ढेलहूपुर थाना परसरामपुर बस्ती, गौरी शंकर पुत्र रामजस एवं ललिता देवी पत्नी गौरी शंकर अशोकपुर, थाना परसरामपुर सहित आठ अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराए मुकदमें में कहा गया कि वह अपनी लड़की के साथ कचेहरी में मुकदमे में बयान देने के लिए 11 नवंबर 25 को आया था। समय करीब 12 बजे का था, पुत्री बाथरूम जाने के लिए कही, और वह खुद पुरानी बिल्डिंग के दक्षिण-पश्चिम कोने पर स्थित शौचालय के पास करके वहां से चला आया। कहा कि कुछ देर बाद जब पुत्री की तलाश करने लगा तो उसे नहीं मिली। कहा कि विपक्षीगण मेरे और मेरी बेटी के उपर मुकदमें में सुलह करने का काफी दबाव बनाते थे और धमकी भी देते थे कि अगर सुलह नहीं होगा तो इसका परिणाम बहुत ही बुरा होगा। पिता ने कहा कि उसे पूरा विश्वास है कि उपरोक्त लोग को गायब कर दिए है। यह आषंका भी जताया कि उसकी बेटी की हत्या और लाष को गायब कर सकते है। इस मामले में अभिषेक सिंह और विषाल दूबे जेल में हैं, कुलदीप व मनोज जमानत पर।

उन्होंने कैमरे की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि सीएम साहब यह लोग गेस्ट हाउस को दलाली का अडडा बना लिया। एक्सईएन ठेकेदार के सामने बैठकर दलाली कर रहे है। देखा जाए तो माननीयों की पहचान ही विनय वर्मा जैसी है। लेकिन आज के अधिकांष विधायकों को न तो ठीक से चिठठी पत्री लिखना आता है, और न या दमदारी से विधानसभा में और न यह अधिकारियों से बात कर पाते है। आज के विधायकों को सिर्फ निधि बेचना और गेट लगवाना आता है। इसी लिए आज के विधायकों को वह सम्मान नहीं मिलता जो विनय वर्मा जैसे विधायकों को मिलता


बस्ती। यूंही किसान यह नहीं कर रहे हैं, कि सीडीओ साहब अगर न होते तो एआर और डीओ खुले आम खाद और बीज को बेच देते। यह तो सीडीओ का निरीक्षण ही है, जिसके चलते खाद और बीज की कालाबाजारी करने वालों में थोड़ा बहुत डर है, वरना, एआर और डीओ ने तो सारा डर ही समाप्त कर दिया। निरीक्षण के परिणाम से तो एक बात साफ हो गई कि खाद और बीज की कालाबाजारी हो रही है। अगर नहीं होती तो सीडीओ के पकड़ में नहीं आते। सवाल उठ रहा है, कि जो काम एआर और डीओ करना चाहिए, उस काम को क्यों सीडीओ को करना पड़ रहा हैं। इसी को देखते हुए पत्रकारों ने डीएम मैडम से कहा कि मैडम एआर और डीओ पर कभी भरोसा मत करिएगा, क्यों कि इन दोनों के चलते ही जिले में धान, गेहूं और खाद-बीज की कालाबाजारी हो रही है। इन्हीं दोनों के चलते जिला बार-बार बदनाम हो रहा है, पत्रकारों ने डीएम को यह भी बताया कि स्थानीय निवासी होने के बाद भी क्यों एआर बस्ती बार-बार आ रहे हैं, और यह जितनी बार बस्ती आए हैं, उतनी बार घोटाला हुआ। इस लिए दोनों अधिकारियों पर कभी भरोसा मत करिएगा। पत्रकारों ने खुलकर कहा कि दोनों अधिकारियों की रुचि किसानों के हित में नहीं बल्कि स्वंय के हित में रहती है। पत्रकारों ने डीएम से यह भी कहा कि अगर रवी को बचाना है, तो अपनी प्रषासनिक टीम को लगाना होगा। मीडिया ने सीडीओ के कामों की तारीफ भी डीएम से की, जिसपर उन्होंने भी कहा कि बहुत अच्छा काम कर रहे है। सीडीओ ने सल्टौआ स्थित राजकीय कृषि भंडार का निरीक्षण किया, जिसमें प्रभारी अरुण कुमार तो मौजूद रहे, लेकिन बीज वितरण बंउ मिला। जबकि गोदाम पर 50 किसान बीज के लिए लाइन लगाए खड़े रहे। सीडीओ ने जब पूछा कि क्यों नहीं वितरण हो रहा हैं, तो प्रभारी ने कहा कि गोदाम में गेहूं बीज 160 क्ंिवटल उपलब्ध है, लेकिन पीओएस मषीन में स्टाक इंटी न होने से वितरण बंद है। सीडीओ ने दसे लेकर नाराजगी जताया और प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा, इस पर न चाहते हुए भी जिला कृषि अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करना पड़ा, यह अलग बात है, कि यह कारण बताओ नोटिस बाद में कमाई का जरिया बनेगा।     


काश’ः विनय ‘वर्मा’ जैसा ‘विधायक’ बस्ती में भी ‘होते’!

बस्ती। कुछ दिन पहले ‘दिषा’ की बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद जगदम्बिका पाल को ललकार कर चर्चा में रहने वाले षोहरतगढ़ से अपना दल के विधायक विनय वर्मा, आज एक बार फिर चर्चा में है। इस बार इनका तेवर देखकर बस्ती की जनता कहने लगी कि काष, हमारे जिले के विधायक भी विनय वर्मा जैसा होते तो काफी हद तक भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकता और बेलगाम हो चुके अधिकारी सुधर जाते।


वायरल वीडियो को जिस-जिस ने भी देखा होगा, उसने अवष्य विधायक के कार्यषैली की प्रषंसा की होगी। जिस तरह विधायकजी पीडब्लूडी के दलालों और एक्सईएन पर दलाली करने का आरोप लगाते हुए डांटा और कहा कि जनता बाहर हम्हे गाली दे रही है, और आप लोग कमरे में बैठकर दलाली का खेल खेल रहे है। इस तरह का तेवर कभी सांसद कल्पनाथ सोनकर दिखाया करते थे, विनय वर्मा की तरह वह भी सीधे भ्रष्ट अधिकारियों के चेंबर में घुसते थे, और उनकी ऐसी की तैसी करके ही चेंबर से बाहर निकलते थे, आवष्यकता पड़ने पर वर्माजी की तरह अधिकारियों को जूते से मारने की धमकी भी देते थे। इस तरह की कार्यषैली उन्हीं जनप्रतिनिधियों की होती जो जनता के प्रति वफादार और ईमानदार होते है। ऐसे लोगों को जनता सिर पर बैठाती है। विधायकजी, घुसते ही पीडब्लूडी के एक्सईएन से कहा कि दलाली का अडडा बना लिया। मेरा फोन नहीं उठाते, और यहां पर दलालों के साथ मिलकर योजना को लूटने की रणनीति बना रहे हों, दलाल षब्द का इस्तेमाल इन्होंने दिषा की बैठक में भी किया था, जिस पर सांसद जगदम्बिकापाल नाराज हो गए थे। विधायकजी ने जब यह कहा कि नंगा करके जूते से पिटूगां, वैसे ही वहां पर मौजूद ठेकेदार और अन्य घिसकने लगे, एक्सईएन को बार-बार हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए वीडियो में देखा जा सकता है। कहा कि जनता बाहर विधायक के खिलाफ नारेबाजी करती है, और आप लोग यहां बैठकर दलाली कर रहो हो। क्षेत्र में जाते हैं, तो जनता हम्हें गाली देती है। कहा कि या तो तुम्हारे खिलाफ या फिर मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा, लेकिन आज मैं आप लोगों की दलाली का धंधा समाप्त करके ही रहूंगा। कहा कि विधायक के पास मिलने का समय नहीं, और यहां पर बैठकर दलाली कर रहे हो। उन्होंने कैमरे की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि सीएम साहब यह लोग गेस्ट हाउस को दलाली का अडडा बना लिया। एक्सईएन ठेकेदार के सामने बैठकर दलाली कर रहे है। देखा जाए तो माननीयों की पहचान ही विनय वर्मा जैसी है। लेकिन आज के अधिकांष विधायकों को न तो ठीक से चिठठी पत्री लिखना आता है, और न या दमदारी से विधानसभा में और न यह अधिकारियों से बात कर पाते है। आज के विधायकों को सिर्फ निधि बेचना और गेट लगवाना आता है। इसी लिए आज के विधायकों को वह सम्मान नहीं मिलता जो विनय वर्मा जैसे विधायकों को मिलता।


 

 


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