‘यूंही’ नहीं मिला ‘डा. प्रमोद चौधरी’ को ‘अभयदान’!
इज्जत और मान-सम्मान की कीमत पर मिला अभयदान डा. प्रमोद चौधरी को चैन से सोने नहीं देगा
-अभयदान पाने के लिए डाक्टर साहब ने वह सब कुछ किया, जिसे करने के लिए एक आम व्यक्ति भी हजार बार सोचेगा, घुटने टेककर माफी तक मांगनी पड़ी
-जिले का कोई भी ऐसा नेता नहीं जिससे इन्होंने मदद नहीं मांगी, पानी की तरह पैसा बहाया, सीएमओ और डा. एसबी जैसे लोगों को खरीदा
-10 दिन तक अस्पताल बंद होने के कारण लगभग 40 लाख का नुकसान तक उठाना पड़ा, मरीजों का विष्वास खोना पड़ा, फ्राड तक का दंष झेलना पड़ा
बस्ती। जो लोग यह सोच रहें हैं, कि रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन एवं मेडीवर्ल्ड हास्पिटल के प्रबंधक डा. प्रमोद कुमार चौधरी को यूंही अभयदान मिल गया, वे गलत सोच रहे है। इन्हें इसकी ऐसी कीमत चुकानी पड़ी, जो हर किसी के बस की बात नहीं, यह कीमत वही चुका सकता है, जो पद का भूखा हो और जिसे अपने मान-सम्मान और इज्जत की कोई चिंता न हो। अगर कोई इतनी बड़ी कीमत चुका कर जीत हासिल करता है, तो उसकी जीत नहीं बल्कि हार मानी जाएगी। जीत हासिल कर डाक्टर प्रमोद चौधरी एंड टीम ने उस कहावत को सच साबित कर दिया, जिसमें मोहब्बत और जंग में सबकुछ जायज कहा गया। जिस टीम को जीतने की आदत पड़ी हो उसे हरा पाना कठिन होता। वैसे अभी यह जंग समाप्त नहीं हुई, बाजी पलट भी सकती है, लेकिन इसके लिए हार न मानने वाले सदस्यों को एकता दिखानी होगी, और अब इन्हें अपनों के साथ विरोधी टीम से भी लड़ना पड़ेगा। कहा भी जा रहा है, कि इज्जत और मान-सम्मान की कीमत पर मिला अभयदान डा. प्रमोद चौधरी को चैन से सोने नहीं देगा। जंग जीतने में लगाया गया पैसा तो डाक्टर साहब को वापस मिल जाएगा, लेकिन वह इज्जत और मान-सम्मान कहां से मिलेगा, जो यह गवां चुके है। मरीजों का वह विष्वास कैसे जीतेगें, जो यह हार चुके है। अभयदान पाने के लिए डाक्टर साहब ने वह सब कुछ किया, जिसे करने के लिए एक आम व्यक्ति भी हजार बार सोचता, घुटने टेककर माफी तक मांगनी पड़ी। जिले का कोई भी ऐसा नेता नहीं जिससे इन्होंने मदद न मांगी हो, पानी की तरह पैसा बहाया, सीएमओ और डा. एसबी जैसे बेईमान कहे जाने वाले अधिकारियों को भारी रकम में खरीदा, 10 दिन तक अस्पताल बंद होने के कारण जो लगभग 40 लाख का नुकसान उठाना पड़ा, और फ्राड तक का दंष झेला। एफआईआर और मानहानि जैसी बदनामी अलग से झेला। इस एपीसोड ने कईयों को नंगा कर दिया। सीएमओ और उनकी टीम नंगी हुई, पुलिस नंगा हुआ और मदद करने वाले लोग नंगे हुए। वे बड़े नेता भी नंगें हुए जिन्होंने एक फ्राड का साथ दिया। किसी ने उस रफीउदीन के बारे में नहीं सोचा जिसने डा. प्रमोद चौधरी जैसे नामी डाक्टर को नंगा किया, यह अगर सामने नहीं आता और यह न कहता कि मेडीवर्ल्ड वालों ने उसकी डिग्री को फ्राड करके लाइसेंस हासिल कर लिया, तो दुनिया डा. प्रमोद कुमार चौधरी की असलियत को नहीं जान पाती। यह भी नहीं जान पाती कि सीएमओ कार्यालय और नोटरी अधिवक्ता किस तरह डा. प्रमोद चौधरी का साथ देने के लिए फर्जीवाड़ा करते है। कहा भी जाता है, कि जब तक डा. एके चौधरी और डा. एसबी सिंह जैसे भ्रष्ट लोग रहेगें, डा. प्रमोद कुमार चौधरी जैसे लोग जन्म लेते रहेगें। इस पूरे प्रकरण में सबसे अधिक खून विष्वास का ही हुआ। हार-जीत तो लड़ाई का एक हिस्सा होता है, लेकिन अगर कोई लड़ाई छलकपट से जीती जाती है, तो वह लड़ाई इतिहास के पन्नों पर लिखा जाता। लड़ाई जीतने के लिए डा. प्रमोद चौधरी एंड टीम ने जिस तरह के हथकंडे का इस्तेमाल किया, उससे एक नई परम्परा का जन्म हुआ। कहा भी जाता है, कि जो लड़ाई कईयों के साथ मिलकर लड़ी जाती है, उसके जीतने के चांसेज कम होते हैं। अधिक दिन तक एक मत नहीं रह पाता, एका की कमी हो जाती है, और इसी कमी का फायदा विरोधी उठाता है। यह भी सच है, कि अगर कोई लड़ाई निस्वार्थ होकर लड़ी जाए तो जीतने के चांसेज अधिक होते है। स्वार्थ के बुनियाद पर कोई भी लड़ाई नहीं जीती जा सकती। इस लड़ाई से कईयों का स्वार्थ सिद्व हुआ तो कईयों के अधूरे रह गए।
का दावा हैं, न्यायालयों से सिर्फ भेंट बंद हो जाए, तो काफी हद तक मुवक्किल का आर्थिक बोझ कम हो जाएगा। धीरे-धीरे जिस तरह न्यायालयों में भ्रष्टाचार का समावेष हो रहा है, अगर उसे समय रहते नहीं रोका गया तो जूडिसियरी न्यायालयों और राजस्व एवं चकबंदी न्यायालयों में कोई फर्क नहीं रह जाएगा। एक दिन राजस्व और चकबंदी न्यायालयों की तरह जूडिसियरी न्यायालयों में भी बोली लगने लगेगी।
‘माननीयों’ की चहेती ‘सिडको’ के ‘भ्रष्टाचार’ की होगी ‘जांच’
-भाजपा नेता राजेंद्रनाथ तिवारी ने समाज कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर उनसे एक करोड़ 30 लाख की जांच कराने को कहा
बस्ती। भाजपा नेता राजेंद्रनाथ तिवारी के पैड का किस तरह नीजि लाभ के लिए दुरुपयोग किया गया, इसका खुलासा तब हुआ जब समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने श्रीतिवारी को पत्र लिख कर यह कहा कि हमने आप के एक करोड़ 30 लाख के दो प्रस्ताव को मंजूर कर दिया, और सिडको को कार्यदाई संस्था नामित किया गया। पत्र मिलने के बाद भाजपा नेता को पता चला कि कोई उनके पैड पर ग्राम बानपुर में सामुदायिक केंद्र निर्माण के लिए 65 लाख और ग्राम अईलिया में सामुदायिक केंद निर्माण के लिए 65 लाख सहित एक करोड़ 30 लाख स्वीकृति हुआ। श्रीतिवारी का कहना है, कि न तो सिडको के एक्सईएन ने और न पैड का इस्तेमाल करने वाले ने ही उनसे संपर्क किया। टेंडर निकला की नहीं, किसको ठेका मिला, और अगर ठेका मिला तो काम की गुणवत्ता कैसी हैं, कि जानकारी उन्हें नहीं है। एक तरह से देखा जाए तो पैड का इस्तेमाल करने वाले ने तिवारीजी के साथ धोखा दिया, यह तक नहीं बताया कि आपके आर्षीवाद से एक करोड़ 30 लाख का काम स्वीकृति हो गया, और न सिडको के एक्सईएन ने ही इसकी कोई जानकारी दी। इससे पता चलता है, कि पैड का इस्तेमाल करने वाला और सिडको दोनों मिलकर एक करोड़ 30 लाख का बंदरबांट करना चाहते है। वैसे ही इस कार्यदाई संस्था की छवि खराब है। चूंकि इसे माननीयों की सबसे अधिक चहेती कार्यदाई संस्था माना जाता है, इस लिए इसके खिलाफ न तो कोई कार्रवाई होती और न कार्यो की जांच ही होती। हर साल माननीयों का ही सिर्फ लगभग 40 करोड़ का काम करते है। खास बात यह है, कि इनका काम किसी को दिखाई नहीं देता, माननीयगण इस लिए नहीं देखना चाहते क्यों कि उन्हें पहले ही भारी कमीषन मिल जाता है। आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि आज तक प्रषासन ने कभी सिडको के कार्यो की जांच नहीं करवाया। यह किस अखबार में टेंडर निकालते हैं, इसकी जानकारी सिर्फ विभाग और संबधित ठेकेदार को ही हो पाती हैं, इनका टेंडर बस्ती के किसी अखबार में नहीं बल्कि दिल्ली के अखबारों में निकलता है। इनके कार्यो का बोर्ड भी कहीं नहीं दिखाई देता। सवाल उठ रहा है, कि जिसकी निधि हैं, जब वही कुछ कहता तो आम जनता क्या कहेगी, यही कारण हैं, कि माननीयों पर निधि बेचने का आरोप लगता आ रहा है। माननीयों पर इतने आरोप लग चुके हैं, लेकिन आज तक किसी भी माननीय ने उसका खंडन नहीं किया, यह तक नहीं कहा कि चलिए हम अपने निधि का काम दिखाते है। अगर कमिष्नर साहब पूर्वांचल विकास निधि, डीएम सांसद निधि और सीडीओ विधायक निधि का जांच कराने लगे तो माननीय भागते फिरते नजर आएगं। पूर्वाचल विकास निधि की स्वीकृति कमिष्नर, सांसद निधि की डीएम और विधायक निधि की सीडीओ देते है। ग्राम पंचायत से लेकर नगर पंचायत तक की जांच होती है, लेकिन जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत निधि, सांसद निधि और विधायक निधि के कामों की जांच कभी नहीं होती, जब कि सबसे अधिक भ्रष्टाचार इन्हीं निधियों में होती है। क्यों नहीं होती, यह लिखने नहीं बल्कि समझने वाली बात है। इसी लिए बार-बार कहा जा रहा है, कि बस्ती में भी सिद्धार्थनगर के विधायक विनय वर्मा जैसा विधायक होना चाहिए।
‘रेडक्रॉस सोसाइटी’ का ‘निःशुल्क’ चिकित्सा शिविर ‘सराहनीय’ःडा. पांडेय
कैम्प में ऑर्थोपेडिक्स, जनरल मेडिसिन, और पीडियाट्रिक्स, गायनोलॉजिस्ट, एवं क्रिटिकल केयर यूनिट सहित विभिन्न विशेषज्ञों से निःशुल्क परामर्श उपलब्ध कराया गयाःरंजीत
-यह कैम्प लोगों को स्वस्थ आदतों, रोगों से बचाव और जीवन जीने के सही तरीकों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए आयोजित किया गयाः राजेश कुमार ओझा
-इस कैम्प ने लोगों को अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का जल्दी पता लगाने और उनका इलाज समय रहते करने में मदद की, जिससे गंभीर बीमारियों से बचाव संभव हुआःएलके पांडेय
बस्ती। विश्व मधुमेह दिवस पर भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी बस्ती एवं दिव्यांश मेडिकल सेंटर के तत्वाधान मे रौतापार, ब्लॉक रोड पर निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया, निःशुल्क मेडिकल कैम्प स्थानीय समुदाय को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
यह पहल समाज मे स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने की निरंतर प्रतिबद्धता का हिस्सा था। चाहे नियमित चेक-अप की आवश्यकता हो या विशेषज्ञ से परामर्श, इस कैम्प ने विभिन्न स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा किया। इस कैम्प में ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, सीबीसी, कोलेस्ट्रॉल, और बीएमआई, एल. एफ.टी, के.एफ.टी, ईसीजी, गुर्दे की जाँच, पीएफटी, यूरिक एसिड, जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जांच की गई। इन जांचों के माध्यम से संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का जल्द पता चलने में मदद मिली, जिससे गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। रेडक्रॉस सोसाइटी के सचिव रंजीत श्रीवास्तव ने बताया कि कैम्प में ऑर्थोपेडिक्स, जनरल मेडिसिन, और पीडियाट्रिक्स, गायनोलॉजिस्ट, एवं क्रिटिकल केयर यूनिट सहित विभिन्न विशेषज्ञों से निःशुल्क परामर्श उपलब्ध कराया गया। रोगियों ने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्राप्त किया। उन्होंने यह भी कहा, कैम्प मे लगभग 175 से ऊपर मरीजों ने जाँच कराया, यह निःशुल्क कैम्प समुदाय के सभी वर्गों के लिए खुला था, जिससे हर व्यक्ति ने एक ही स्थान पर अपनी स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त की। कोई अपॉइंटमेंट की आवश्यकता नहीं थी, और लोग सीधे कैम्प में आकर सेवाओं का लाभ ले रहे थे। उपसभापति एल के पाण्डेय ने बताया कि इस कैम्प ने लोगों को अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का जल्दी पता लगाने और उनका इलाज समय रहते करने में मदद की, जिससे गंभीर बीमारियों से बचाव संभव हुआ। कोषाध्यक्ष राजेश कुमार ओझा ने इसे स्वस्थ भविष्य की ओर कदम बढ़ाना बताया, उन्होंने कहा कि यह कैम्प लोगों को स्वस्थ आदतों, रोगों से बचाव और जीवन जीने के सही तरीकों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था। दिव्यांश मेडिकल सेंटर के संरक्षक डॉ सुधाकर पाण्डेय ने कहा रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा आयोजित यह निःशुल्क चिकित्सा शिविर अत्यंत सराहनीय है।
इस कैम्प में भाग लेकर लोगों ने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान पाया और स्वस्थ जीवन के लिए कदम उठाए। इस मेडिकल कैम्प ने सभी को स्वस्थ भविष्य की ओर एक कदम बढ़ाने का अवसर दिया। रेडक्रॉस के सभापति डॉ प्रमोद चौधरी ने लोगों का अभिवादन कर धन्यवाद दिया। कार्यक्रम मे मुख्य रूप से जीतेन्द्र चौधरी, रणविजय सिंह, सत्येंद्र दूबे, डॉ धीरेन्द्र, डॉ पुष्पेंद्र, डॉ रूचि पाण्डेय, चंद्र प्रकाश पाठक, राज मंगल पाण्डेय, राजीव पाण्डेय, डॉ सुरभी, आरुषि चौहान, सत्यम श्रीवास्तव, यशोधरा, निधि, श्रेया, तनु, अरुणेष श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
नेहरूजी ने भारत को समृद्ध किया,दुनिया में एक पहचान दिलायाःडा. वीके वर्मा
बस्ती। शुक्रवार को वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति द्वारा महामंत्री श्याम प्रकाश शर्मा के संयोजन में कलेक्टेªट परिसर में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री भारत रत्न पण्डित जवाहर लाल नेहरू को उनकी जयंती पर याद किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ चिकित्सक, साहित्यकार डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि पण्डित नेहरू ने भारत को समृद्ध करते हुये धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में दुनिया में एक पहचान दिलाया। पण्डित नेहरू ने स्वतंत्रता आन्दोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिये और गांधीजी के नेतृत्व में अंग्रेजों को परास्त कर भारत को आजाद कराया। उनकी सोच आधुनिक थी। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम प्रकाश शर्मा ने कहा कि पण्डित नेहरू सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री थे।
वे बच्चों को भारत का भविष्य मानकर उन्हे असीम स्नेह देते थे। उनके अच्छे व महान कार्यों के चलते प्रधानमंत्री रहते हुये भारत रत्न से नवाजा गया। कार्यक्रम को बटुकनाथ शुक्ला, पं सदानन्द शर्मा, पं. चन्द्रबली मिश्र, बी.के. मिश्र, डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’, राजेन्द्र सिंह ‘राही’, अजीत श्रीवास्तव ‘राज’ सुशील सिंह ‘पथिक’, हरिकेश प्रजापति, दीन बंधु उपाध्याय, संजीव पाण्डेय आदि ने सम्बोधित करते हुये कहा कि युग दृष्टा पं. नेहरू का योगदान सदैव याद किया जायेगा। कवियों ने पं. नेहरू पर केन्द्रित रचनायें सुनायी। मुख्य रूप से रामदत्त जोशी, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, ओम प्रकाश धर द्विवेदी, दीनानाथ यादव, सरताज आलम, गणेश प्रसाद आदि शामिल रहे।
‘इलाज’ का ‘पैसा’ न ‘देना’ पड़े ‘इस’ लिए ‘लगा’ दिया ‘आरोप’ःडा.त्रिपाठी
बस्ती। राजेंद्रा हास्पिटल के डा. राकेष मणि त्रिपाठी का कहना है, कि इलाज का पैसा न देना पड़े इस लिए अस्पताल पर निराधार आरोप मढ़ दिया। कहा कि उसकी नवजात बेटी को गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था, प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। उसके सभी आरोप पूरी तरह से निराधार है।
बता दें कि कोतवाली थाना क्षेत्र के जिगना निवासी विजय कुमार पुत्र कुश प्रकाश ने एसपी को पत्र देकर कहा है कि 26 अक्टूबर 2025 को कैली अस्पताल में नार्मल डिलीवरी से बच्ची पैदा हुई जिसको गन्दा पानी की वजह से कैली अस्पताल द्वारा रेफर करने पर के०डी० अस्पताल जिगना के बाद राजेन्द्रा हास्पिटल बटेला चौराहा में भर्ती कराया था। लगभग 15 दिनों तक स्थिति सामान्य रही इसके बाद नौ नवम्बर की रात्रि लगभग 2.30 बजे सूचना दी गयी कि आपकी बच्ची की मृत्यु हो गयी हैं। डाक्टर ललित द्वारा किसी भी परिवार के व्यक्ति से मिलने नही दिया गया। पिछले तीन दिन से बच्चे के शव की की मांग की गयी तो हास्पिटल के डाक्टर द्वारा रूपये की मांग की गयी कि इतना रुपया दो तो मृतक बच्चे को देखने देगें और उसके बाद सुपुर्द कर देगें। पुलिस को सूचना मिलने पर नवजात का शिशु दिया गया। राजेन्द्रा हास्पिटल के डाक्टर राकेशमणि त्रिपाठी ने कहा कि विजय के सारे आरोप पूरी तरह से असत्य है। अस्पताल में नवजात को बचाने की पूरी कोशिश की गई थी।



